फर्जी मार्केटिंग कॉल्स को पूरी तरह से रोकने के लिए TRAI ने नई योजना बनाई है। यूजर्स की बिना उनकी इजाजत के कॉल्स को रोकने की गाइडलाइन जनवरी में लागू की जा सकती है।
TRAI On Spam Call: अगर आप भी मार्केटिंग कॉल से परेशान हो गए हैं तो आपके लिए अच्छी खबर हैं। दरअसल, अब TRAI ने ऐसे कॉल्स पर लगाम लगाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है क्योंकि TRAI इस महीने एक नया पायलट प्रोजेक्ट लेकर आ रहा है, जिसमें यूजर की परमिशन के बिना उसके नंबर पर कोई मार्केटिंग कॉल और मैसेज नहीं आ पाएंगे। इसके लिए DLT सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है। इस मामले में TRAI के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने बताया कि नियामक फर्जी स्पैम कॉल को रोकने के लिए रेगुलेशन को और सख्त बनाया जा रहा है।
पूरी तरह बंद होंगे अनचाहे कॉल्स
TRAI इसी महीने स्पैम कॉल्स को रोकने के लिए ऑथराइजेशन फ्रेमवर्क लाने जा रहा है, जिसे कुछ ही हफ्तों में लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद यूजर के नंबर पर सिर्फ उन्हीं टेलीमार्केटर्स के कॉल आएंगे, जिन्हें उसने परमिशन दी है। 2024 में टेलीकॉम रेगुलेटर ने स्पैम कॉल और मैसेज पर लगाम लगाने के लिए कई नए नियमों का ऐलान किया था। इनमें से फर्जी कॉल और मैसेज को लेकर एक नया नियम अक्टूबर में लागू किया गया था। इस नियम के आने से यूजर के फोन पर उन टेलीमार्केटर्स के URL वाले वाले मैसेज नहीं आएंगे, जिन्हें व्हाइटलिस्ट नहीं किया गया है।
कई यूजर्स को होगा फायदा
साथ ही नेटवर्क स्तर पर फर्जी टेलीमार्केटिंग कॉल को ब्लॉक करने के लिए भी नियम लागू किया गया है। मैसेज ट्रेसेबिलिटी नियम को 11 दिसंबर 2024 से लागू किया गया है, ताकि यूजर्स के फोन पर आने वाले फर्जी मैसेज को आसानी से ट्रैक किया जा सके। मैसेज ट्रेसेबिलिटी का फायदा देश के 120 करोड़ मोबाइल यूजर्स को होगा।
मैसेज सेंडर का पता करना आसान
मैसेज ट्रेसेबिलिटी नियम के अनुसार, यूजर के मोबाइल पर आए मैसेज के सेंडर को ट्रेस करना आसान हो जाएगा। हैकर्स द्वारा भेजे गए फर्जी कमर्शियल मैसेज यूजर तक नहीं पहुंच पाएंगे और उसे नेटवर्क लेवल पर ही ब्लॉक कर दिया जाएगा। इस तरह यूजर्स के साथ फ्रॉड का खतरा बहुत कम हो जाएगा, इसके साथ ही मैसेज भेजने वाले का पता जल्द लगाया जा सकेगा। टेलीकॉम रेगुलेटर के नए मैंडेट के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों को यूजर के नंबर पर आए किसी भी मैसेज की पूरी चेन के बारे में पता होना चाहिए।