पहलगाम में आतंकी हमले के बाद अब भारत को एक नए मोर्चे पर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। बीते 10 दिनों में भारत पर 10 लाख से ज्यादा साइबर अटैक हो चुके हैं।
Shadow of Pahalgam: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अब भारत पर साइबर अटैक का खतरा मंडरा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट किया है कि पिछले 10 दिनों में भारत पर 10 लाख से ज्यादा साइबर हमले किए जा चुके हैं। इन हमलों के पीछे पाकिस्तान के हैकर ग्रुप्स का हाथ माना जा रहा है। इनका ऑपरेशन कोडनेम है “Shadow of Pahalgam”।
कई देशों के हैकर ग्रुप एक्टिव
सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मिडिल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका के साइबर ग्रुप भी इस साइबर वॉर में शामिल हो गए हैं। ये ग्रुप मिलकर भारत की डिजिटल सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
किन-किन सेक्टर्स को बनाया गया निशाना?
- रेलवे सिस्टम
- बैंकिंग सेक्टर
- आर्मी से जुड़े स्कूल्स और संस्थान
- ई-गवर्नेंस पोर्टल्स
- टेलीकॉम कंपनियों का डेटा
- राज्य सरकारों की वेबसाइट्स
कौन हैं ये साइबर अटैक करने वाले?
भारत पर साइबर हमले करने वाले अलग-अलग देशों से हैं और इनमें कई संगठित हैकर ग्रुप शामिल हैं।
- Team Insane PK (पाकिस्तान): इस ग्रुप ने भारतीय आर्मी, सैनिक वेलफेयर डिपार्टमेंट और आर्मी से जुड़े स्कूल्स की वेबसाइट्स को निशाना बनाकर वेबसाइट डिफेसमेंट अटैक किया है।
- Mysterious Team Bangladesh : इस ग्रुप ने DDOS और DNS Flood टेक्नोलॉजी से भारत के एजुकेशन पोर्टल्स और बैंकिंग सिस्टम को बाधित किया है।
- Indo Hax Sec (इंडोनेशिया): इस ग्रुप ने भारत के टेलीकॉम डेटा को लीक किया और एडमिन पैनल हैकिंग जैसे हमले किए हैं।
- Golden Falcon (मिडिल ईस्ट): इस ग्रुप ने सिस्टम में मालवेयर डालकर डार्क वेब पर डाटा लीक करने की साजिश रची है।
- Moroccan Dragons (नॉर्थ अफ्रीका): यह ग्रुप साइबर वॉर के लिए सामूहिक रूप से एकजुट हुआ है और भारत पर लगातार हमले कर रहा है।
महाराष्ट्र साइबर सेल की चेतावनी
एडीजी यशस्वी यादव ने बताया कि 26 अप्रैल के बाद से साइबर हमले अचानक तेज हो गए हैं। महाराष्ट्र साइबर ऑपरेशन हेड प्रतीक दुबे ने कहा कि हमारी टीम 24×7 कंट्रोल रूम से निगरानी कर रही है। आने वाले कुछ हफ्तों में ये साइबर हमले 50 लाख तक पहुंच सकते हैं।
खतरा कितना गंभीर है?
इन हमलों का उद्देश्य न केवल सरकारी वेबसाइटों को नुकसान पहुंचाना है, बल्कि आम लोगों के डेटा को भी हार्म करना है। दूरसंचार डेटा, बैंकिंग लेनदेन और सरकारी प्रणालियों पर हमले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा पैदा करते हैं।
अब क्या करें?
- सभी विभागों को साइबर सिक्योरिटी सिस्टम को अपडेट करना होगा।
- डार्क वेब मॉनिटरिंग यानी यह ट्रैक करना कि कहीं भारत का डेटा चोरी होकर वहां तो नहीं बिक रहा।
- DDOS टेस्टिंग और साइबर ऑडिट से कमजोरियों को ढूंढकर उन्हें जल्द से जल्द ठीक करना जरूरी हो गया है।
- फिशिंग ईमेल या संदिग्ध लिंक से सावधान रहें।
- केवल भरोसेमंद वेबसाइट्स पर ही लॉगिन करें या ट्रांजैक्शन करें।
- अपने मोबाइल और कंप्यूटर में एंटीवायरस और सिक्योरिटी अपडेट्स जरूर रखें।