इंसानी दिमाग को पीछे छोड़ देगा चीन का Darwin Monkey, जानें इसकी खासियत

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इंसानी दिमाग को पीछे छोड़ देगा चीन का Darwin Monkey, जानें इसकी खासियत
August 8, 2025

Darwin Monkey की बनावट और काम करने का तरीका बिल्कुल ह्यूमन ब्रेन जैसा है। इसमें 20 अरब से ज्यादा आर्टिफिशियल न्यूरॉन्स लगाए गए हैं जो इसे बहुत ताकतवर बनाते हैं।

Darwin Monkey: चीन ने टेक्नोलॉजी वर्ल्ड में एक बड़ा कदम बढ़ाया है। Zhejiang University के साइंटिस्टों ने एक ऐसा कंप्यूटर बनाया है जो इंसानी दिमाग की तरह सोच और काम कर सकता है। इस खास मशीन का नाम ‘Darwin Monkey’ रखा गया है। Darwin Monkey की बनावट और काम करने का तरीका बिल्कुल ह्यूमन ब्रेन जैसा है। इसमें 20 अरब से ज्यादा आर्टिफिशियल न्यूरॉन्स लगाए गए हैं जो इसे बहुत ताकतवर बनाते हैं।

क्या है Darwin Monkey?

Darwin Monkey एक न्यूरोमोर्फिक कंप्यूटर है। इसे इंसानी दिमाग को कॉपी करके बनाया गया है। इसमें 960 Darwin -3 चिप्स हैं जो मिलकर 100 अरब से ज्यादा सिनैप्स बनाते हैं। बता दें कि सिनैप्स वह छोटे-छोटे कनेक्शन होते हैं जो न्यूरॉन्स को जोड़ते हैं। यह तेजी से जानकारी प्रोसेस करने में मदद करते हैं।

क्या है Darwin Monkey की खासियत ?

  • यह कंप्यूटर सिर्फ 2000 वॉट बिजली में चलता है जिससे यह आम सुपर कंप्यूटर के मुकाबले काफी कम एनर्जी लेता है।
  • यह कठिन गणित के सवाल और लॉजिकल रीजनिंग वाले काम को आसानी से कर सकता है। इससे AI को और स्मार्ट बनाया जा सकेगा।
  • यह कंप्यूटर मैकाक बंदर, चूहे और जेब्राफिश जैसे जानवरों के दिमाग का सटीक मॉडल तैयार कर सकता है जिससे ब्रेन रिसर्च और मेडिकल रिसर्च में मदद मिलेगी।
  • इसमें ऐसी तकनीक है जो असली न्यूरॉन्स की तरह काम करती है। इससे यह कंप्यूटर इंसानों की तरह सीख सकता है, याद रख सकता है और फैसले ले सकता है।

पुराने मॉडल से कैसे है बेहतर

Darwin Monkey पहला इनोवेशन नहीं है इससे पहले Zhejiang University ने 2020 में Darwin Mouse बनाया था जिसमें 12 करोड़ AI न्यूरॉन्स थे। Darwin Monkey उसका अपग्रेडेड वर्जन है जिसमें 20 अरब न्यूरॉन्स, बेहतर न्यूरल सिस्टम और नया ऑपरेटिंग सिस्टम लगाया गया है।

क्या कहते हैं साइंटिस्ट

Zhejiang University के प्रोफेसर पैन गांग ने कहा है कि Darwin Monkey का डिजाइन, तेज प्रोसेसिंग और कम बिजली की जरूरत इसे बाकी कंप्यूटरों से बहुत अलग बनाती है। यह फ्यूचर में कंप्यूटिंग की नई दिशा तय करेगा।

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बता दें कि Darwin Monkey का इस्तेमाल सिर्फ AI सुधारने के लिए नहीं होगा। इसे रोबोटिक्स, डेटा प्रोसेसिंग, ब्रेन और मेडिकल रिसर्च, नई दवाओं के विकास और अन्य वैज्ञानिक कामों में भी यूज किया जा सकेगा।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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