उत्तर कोरिया की तानाशाही ऐसी है कि अगर आपको इंटरनेट इस्तेमाल करना है तो आपको काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
North Korea Internet Access : इंटरनेट, स्मार्टफोन और AI आज पूरी दुनिया में छाए हुए हैं, लेकिन उत्तर कोरिया के लोग इन सबसे कोसों दूर हैं। 2023 में WIRED ने अपनी रिपोर्ट में उत्तर कोरिया में इंटरनेट एक्सेस के बारे में जानकारी दी थी। इस देश में सेंसरशिप की स्थिति ऐसी है कि किसी भी जानकारी का बाहर आना नामुमकिन है।
लोकल इंटरनेट का इस्तेमाल करना पड़ता है
इस देश में केवल कुछ हजार लोगों को ही पूरी दुनिया में इंट्रानेट एक्सेस मिलता है। इसके अलावा अन्य लोगों के पास डोमेस्टिक इंट्रानेट तक पहुंच है। इस इंटरनेट को Kwangmyong नाम मिला है। यह सरकार द्वारा नियंत्रित एक नेटवर्क है, जिस पर लोगों को सेंसर की गई जानकारी मिलती है।
यहां शिक्षा से लेकर समाचार तक सब कुछ सरकार के नियंत्रण में लोगों तक पहुंचाया जाता है। देश में संचार के साधन भी सीमित हैं। इस इंट्रानेट पर भी लोगों को निगरानी का सामना करना पड़ता है। सरकार लोगों की सभी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखती है।
सब कुछ किया जाता है मॉनिटर
Kwangmyong पर लोगों पर भी नजर रखी जाती है, ताकि उन्हें देश के बाहर से कोई जानकारी न मिल सके। सरकार यह सब अपनी विचारधारा को बनाए रखने के लिए करती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया में लोगों को इंटरनेट एक्सेस करने की अनुमति बहुत मुश्किल से मिलती है। इस प्रक्रिया में पूरा एक दिन लग जाता है। इसके बाद उन्हें एक व्यक्ति के पास बैठाया जाता है, जो उनकी ब्राउजिंग पर नजर रखता है और हर 5 मिनट में उन्हें अनुमति देता है।
हर घंटे सरकार के पास जाता है स्क्रीनशॉट
पिछले कुछ सालों में उत्तर कोरिया में स्मार्टफोन की संख्या में इजाफा हुआ है। इसकी मदद से लोग एक-दूसरे से आसानी से कनेक्ट रह पा रहे हैं। हालांकि, ये डिवाइस सरकार की निगरानी में भी हैं। ये फोन स्क्रीनशॉट लेकर सरकार को भेजते हैं। यानी आप फोन पर जो कुछ भी कर रहे हैं, डिवाइस उसका स्क्रीनशॉट लेकर सरकार को भेज देता है।
इन फोन पर सिर्फ सरकार द्वारा स्वीकृत कंटेंट ही एक्सेस किया जा सकता है। इतना ही नहीं, किसी भी ऐप तक एक्सेस पाने के लिए आपको काफी मशक्कत करनी पड़ती है। उत्तर कोरिया में इंटरनेट से लेकर आपकी सोशल लाइफ और फैशन तक हर चीज पर नजर रखी जाती है। ऐसे में आप अंदाजा ही लगा सकते हैं कि वहां लोग किस हालत में रहते हैं।
निगरानी के लिए बैठा व्यक्ति फिंगरप्रिंट के जरिए हर 5 मिनट में इंटरनेट एक्सेस देता है। अगर किसी को एक घंटे से ज्यादा समय के लिए इंटरनेट की जरूरत है तो उसे विशेष अनुमति लेनी पड़ती है। इसमें दो दिन तक का समय लग सकता है।