GST स्लैब रेशनलाइजेशन: आवश्यक वस्तुओं पर 5%, अन्य पर 18%, लक्ज़री आइटम्स पर 40% टैक्स लागू, मुद्रास्फीति में राहत संभव।
GST slab rationalisation: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, GST दरों में कटौती से सरकार को केवल ₹3,700 करोड़ का मामूली राजस्व नुकसान होगा। हालांकि, सरकार के अनुमानों के अनुसार, GST स्लैब के पुनर्गठन का वार्षिक शुद्ध वित्तीय प्रभाव ₹48,000 करोड़ रहेगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वृद्धि और उपभोग में बढ़ोतरी को देखते हुए यह मामूली नुकसान अर्थव्यवस्था और राजकोषीय घाटे पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं डालेगा।
हाल ही में हुई GST काउंसिल की 56वीं बैठक में मौजूदा चार-स्तरीय संरचना को दो-स्तरीय में बदल दिया गया है। अब आवश्यक वस्तुओं पर 5%, अन्य सामान्य वस्तुओं पर 18% और कुछ चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं पर 40% डिमेरिट टैक्स लागू होगा। इस बदलाव से बैंकिंग सेक्टर में लागत दक्षता बढ़ेगी, जिससे इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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GST दरों के पुनर्गठन से प्रभावी औसत दर 2017 में 14.4% से घटकर अब 9.5% होने की उम्मीद है। जब GST शुरू किया गया था, तो चार दरें 5%, 12%, 18% और 28% थीं। आवश्यक वस्तुओं (लगभग 295 आइटम) पर दरों में कमी 12% से 5% या शून्य तक हो गई है, जिससे इस श्रेणी में CPI मुद्रास्फीति में 25 से 30 बेसिस पॉइंट तक कमी आने की संभावना है।
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कुल मिलाकर, अगले वित्तीय वर्ष 2026-27 में CPI मुद्रास्फीति 65 से 75 बेसिस पॉइंट तक कम होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आएगा, बल्कि अर्थव्यवस्था में स्थिरता और निवेशकों का भरोसा भी बढ़ाएगा।