ऐसे में Meta द्वारा WhatsApp जैसे बड़े प्लेटफॉर्म में AI फीचर जोड़ना, बाकी कॉम्पिटिटर को नुकसान पहुंचा सकता है।
Meta : AGCM ने Meta प्लेटफॉर्म के खिलाफ आधिकारिक जांच शुरू कर दी है। यह जांच Meta द्वारा अपने AI चैटबॉट को WhatsApp में प्री इंस्टॉल करने के फैसले को लेकर की जा रही है। इस जांच का मकसद यह जानना है कि मार्केट में Meta की मजबूत स्थिति का गलत इस्तेमाल है। AGCM ने 29 जुलाई को Meta की इटली स्थित ब्रांच ऑफिस में छापेमारी की। इस कार्रवाई में इटली की स्पेशल एंटीट्रस्ट यूनिट और फाइनेंशियल पुलिस भी शामिल रही।
क्या है पूरा मामला
मार्च 2025 में Meta ने WhatsApp में Meta AI को पेश किया था। यह फीचर बिना यूजर की किसी रिक्वेस्ट या सहमति के ऐप में जोड़ दिया गया था। इसे स्क्रीन पर सर्च बार पर दिखाया गया। AGCM का मानना है कि Meta इस तरह अपनी AI सेवा को जबरन यूजर्स पर थोप रहा है।
बिना यूजर की परमिशन के जोड़ा फीचर
Meta की गिनती कंज्यूमर कम्युनिकेशन ऐप्स में सबसे प्रभावशाली कंपनियों में होती है। ऐसे में Meta द्वारा WhatsApp जैसे बड़े प्लेटफॉर्म में AI फीचर जोड़ना, बाकी कॉम्पिटिटर को नुकसान पहुंचा सकता है। AGCM का कहना है कि यह नवोदित बाजार में योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि पहले से मौजूद यूजरबेस को इस्तेमाल करके Meta अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ने की कोशिश कर रहा है।
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यूरोपीय आयोग भी कर रहा सपोर्ट
यह जांच यूरोपीय यूनियन की संधि के अनुच्छेद 102 के तहत की जा रही है जो किसी भी कंपनी द्वारा मार्केट में अपनी प्रभावशाली स्थिति का गलत फायदा उठाने पर रोक लगाता है। यूरोपीय आयोग भी इस जांच में सहयोग कर रहा है।