Vi और AST स्पेसमोबाइल की यह साझेदारी भारत में एक नए डिजिटल युग की शुरुआत कर सकती है, जहां हर कोने में कनेक्टिविटी होगी।
VI and AST Spacesmobile Partnership: Vi ने बड़ा ऐलान किया है, जो भारत में मोबाइल कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है। कंपनी ने अमेरिका की AST स्पेसमोबाइल के साथ हाथ मिलाया है, ताकि देश के हर कोने में सैटेलाइट से स्मार्टफोन पर नेटवर्क और इंटरनेट मिल सके।
क्या है यह नई तकनीक?
AST स्पेसमोबाइल एक ऐसी कंपनी है, जो लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट टेक्नोलॉजी पर काम करती है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए मोबाइल नेटवर्क को सीधे सैटेलाइट से जोड़ दिया जाएगा। यानी कि अब ऐसे इलाकों में भी मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट मिल सकेगा, जहां आज तक नेटवर्क नहीं पहुंचा है।
यह टेक्नोलॉजी भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन को भी आगे बढ़ाने में मदद करेगी, क्योंकि यह उन जगहों पर कनेक्टिविटी देगी, जहां मोबाइल टावर लगाना मुश्किल है जैसे पहाड़, जंगल या दूर-दराज गांव।
क्या-क्या सेवाएं मिलेंगी?
इस पार्टनरशिप के तहत Vi और AST स्पेसमोबाइल मिलकर भारत के दूर-दराज इलाको में भी वॉयस कॉलिंग, वीडियो कॉलिंग और इंटरनेट ब्रॉडबैंड की सेवाएं देंगे, वो भी बिना किसी खास डिवाइस के, वो भी सिर्फ आपके स्मार्टफोन से। यह बहुत बड़ी बात है, क्योंकि अब तक सैटेलाइट नेटवर्क का इस्तेमाल करने के लिए खास टूल्स या डिवाइसेज की जरूरत होती थी।
कैसे काम करेगा यह मॉडल?
- Vi अपने मोबाइल नेटवर्क और स्पेक्ट्रम का उपयोग करेगा।
- AST स्पेसमोबाइल सैटेलाइट बनाएगी, ऑपरेट करेगी और उसे मैनेज भी करेगी।
- दोनों मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि दूरदराज के क्षेत्रों में भी तेज और भरोसेमंद कनेक्टिविटी दी जा सके।
कहां होगा इसका इस्तेमाल?
यह टेक्नोलॉजी सिर्फ कॉल या इंटरनेट तक सीमित नहीं होगी। इसका यूज ऑनलाइन एजुकेशन, टेलीमेडिसिन, कृषि, आपातकालीन सेवाएं और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में भी होगा। यानी ये तकनीक आम लोगों की जिंदगी को सीधे प्रभावित करेगी।
Vi ने क्या कहा?
Vi के CMO अवनीश खोसला ने कहा है कि हम हमेशा से टेक्नोलॉजी की मदद से हर भारतीय को जोड़ने की कोशिश करते आए हैं। अब सैटेलाइट कनेक्टिविटी के जरिए हम देश के सबसे दुर्गम इलाकों में भी मोबाइल और इंटरनेट सेवा पहुंचा सकेंगे।