कोर्ट ने आगे कहा कि शुरुआती जांच से साफ है कि अभिषेक मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा का करीबी था और धोखाधड़ी में शामिल था।
Himachal High Court: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने Cryptocurrency स्कैम में एक आरोपी अभिषेक शर्मा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस सुशील कुक्रेजा ने कहा कि किसी भी आर्थिक अपराध की गंभीरता और उसका समाज पर असर जमानत देने या न देने में अहम भूमिका निभाता है। कोर्ट ने आगे कहा कि शुरुआती जांच से साफ है कि अभिषेक मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा का करीबी था और धोखाधड़ी में शामिल था। खास बात यह है कि सुभाष शर्मा पहले ही देश से फरार हो चुका है।
2023 से जेल में है अभिषक
कोर्ट ने कहा कि बचाव पक्ष अभी यह साबित नहीं कर पाया है कि पिछली बार जमानत खारिज होने के बाद परिस्थितियों में कोई बड़ा बदलाव आया है या नहीं। बता दें कि अभिषेक 2023 से ही जेल में है। हालांकि, कोर्ट ने यह माना है कि सभी अंडरट्रायल कैदियों को तेज सुनवाई का अधिकार है, लेकिन सिर्फ लंबे समय से जेल में रहना या ट्रायल का जल्द खत्म न होना इतने बड़े आर्थिक अपराध में जमानत देने का कारण नहीं हो सकता।
कैसे था पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक, यह स्कैम 2018 में शुरू हुई थी। दरअसल, 2023 में इन्वेस्टर अरुण सिंह गुलरिया ने इस मामले के खिलाफ पालेमपुर पुलिस थाने में केस दर्ज कराया था, जिसके बाद यह मामला सामने आया। शिकायत में कहा गया था कि आरोपी सुभाष, हेम राज, सुखदेव, अभिषेक और मिलन गर्ग ने Cryptocurrency में इन्वेस्टमेंट कर उसे पैसे दोगुना करने का झांसा दिया था।
इसके लिए आरोपियों ने www.voscrow.io जैसी वेबसाइट और Voscrow – Hypenext जैसे प्लेटफॉर्म का यूज किया था। यहां इन्वेस्टरों से पैसा लेकर उन्हें वर्चुअल करेंसी दी जाती थी। यह एक चेन सिस्टम था जिसमें पुराने इन्वेस्टरों को नए लोगों को जोड़ने के लिए कहा जाता था।
जांच में हुए कई खुलासे
जांच में पता चला कि अभिषेक ने इस प्लानिंग को फैलाने में बड़ी भूमिका निभाई। उसने मंडी, कुल्लू, बद्दी, चंडीगढ़, ऊना, हमीरपुर और पालेमपुर में इन्वेस्टरों के साथ मीटिंग कीं। मामले में SIT ने पाया कि आरोपियों ने फर्जी कंपनियां बनाईं हैं, Cryptocurrency के दामों में हेरफेर किया है और इन्वेस्टरों के पैसे से हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी भी खरीदी है। कुछ पैसे लग्जरी गाड़ियों और महंगे सामान पर भी खर्च हुए हैं।
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मुख्य आरोपी को छोड़ सभी हुए गिरफ्तार
मुख्य आरोपी सुभाष को छोड़कर सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं। कोर्ट ने कहा है कि आर्थिक अपराध देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं और इन्हें गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है। मामला पीड़ितों की बड़ी संख्या, राज्यों के बीच पैसों का लेन-देन और डिजिटल करेंसी के कारण लंबा चल सकता है। फिलहाल, अभिषेक जेल में ही रहेगा।