राघव चड्ढा ने डिजिटल क्रिएटर्स के अधिकारों की उठाई आवाज

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राघव चड्ढा ने डिजिटल क्रिएटर्स के अधिकारों की उठाई आवाज
December 18, 2025

Raghav Chadha: AAP सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में डिजिटल कंटेंट और क्रिएटर्स के अधिकारों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल क्रिएटर्स केवल मनोरंजन नहीं करते। वह शिक्षक, समीक्षक, व्यंग्यकार, संगीतकार और इन्फ्लुएंसर भी हैं, जो आम लोगों तक जानकारी और संदेश पहुंचाते हैं।

राघव चड्ढा ने बताया कि YouTube चैनल और Instagram पेज उनके लिए सिर्फ शौक नहीं है। यह उनकी आमदनी, संपत्ति और सालों की मेहनत का नतीजा है, लेकिन अक्सर यह मेहनत कॉपीराइट स्ट्राइक जैसी समस्याओं की वजह से मिनटों में खत्म हो जाती है।

डिजिटल क्रिएटर्स के YouTube और Instagram चैनल पर कॉपीराइट स्ट्राइक की समस्या पर राघव चड्ढा ने उठाया अहम मुद्दा, जानें उनके तीन प्रमुख सुझाव।

डिजिटल कंटेंट पर फेयर यूज और कॉपीराइट स्ट्राइक

चड्ढा ने कहा कि कई क्रिएटर्स को कॉपीराइट स्ट्राइक तब भी मिल जाती है जब वह केवल दो-तीन सेकंड का कॉपीराइटेड कंटेंट इस्तेमाल करते हैं। यह तब होता है जब उपयोग केवल समीक्षा, टिप्पणी, व्यंग्य, शिक्षा या समाचार रिपोर्टिंग के लिए किया गया हो। कभी-कभी वीडियो में कॉन्टेंट सिर्फ पृष्ठभूमि में चलता है फिर भी प्लेटफॉर्म कॉपीराइट स्ट्राइक जारी करते हैं और पूरे चैनल या पेज को हटाया जा सकता है। सालों की मेहनत कुछ मिनटों में खत्म हो जाती है।

चड्ढा ने स्पष्ट किया है कि फेयर यूज पायरेसी नहीं है। कॉपीराइट धारकों का सम्मान जरूरी है, लेकिन ट्रांसफॉर्मेटिव या संयोगिक उपयोग के लिए क्रिएटर्स को दंडित करना गलत है। उन्होंने कहा कि क्रिएटर्स की आजीविका का फैसला कानून द्वारा होना चाहिए न कि ऑटोमेटेड सिस्टम या एल्गोरिद्म द्वारा।

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1957 के कॉपीराइट एक्ट में बदलाव की जरूरत

चड्ढा ने बताया कि भारत का कॉपीराइट एक्ट 1957 इंटरनेट और डिजिटल क्रिएटर्स के समय से पहले लिखा गया था। इसमें ‘फेयर डीलिंग’ का जिक्र है, लेकिन यह मुख्य रूप से किताबों, पत्रिकाओं और जर्नल्स तक सीमित है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए स्पष्ट परिभाषा नहीं है।

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उन्होंने राज्यसभा में तीन मांगें रखीं

  • कानून में डिजिटल फेयर यूज की स्पष्ट परिभाषा हो, जिसमें समीक्षा, व्यंग्य, टिप्पणी, शिक्षा, जनहित और गैर-व्यावसायिक उपयोग शामिल हों।
  • कॉपीराइट प्रवर्तन में अनुपातिकता का पालन हो, ताकि कुछ सेकंड का उपयोग पूरे चैनल को न खत्म कर सके।
  • किसी कंटेंट को हटाने से पहले क्रिएटर्स को कानूनी मौका दिया जाए।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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