स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनियाक द्वारा बनाया गया कंप्यूटर 3,75,000 डॉलर में नीलाम हुआ। इस कंप्यूटर को विंटेज Apple एक्सपर्ट कोरी कोहेन ने पूरी तरह से मरम्मत करके बहाल किया था
Apple-1 : दुनिया के सबसे शुरुआती पर्सनल कंप्यूटर्स में से एक Apple-1 हाल ही में 3.21 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ है। इसे स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनिएक ने मिलकर बनाया था। यह नीलामी RR Auction द्वारा आयोजित Steve Jobs and the Apple Revolution Auction का हिस्सा थी, जहां Apple के कई दुर्लभ आइटम बिके, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में Apple-1 कंप्यूटर रहा।
क्यों खास है यह कंप्यूटर?
यह Apple-1 कंप्यूटर अब भी पूरी तरह से काम करता है और इसे एक्सपर्ट ने रिस्टोर किया है। इसे Apple-1 रजिस्ट्री में लिस्ट किया गया है और इसे 8.0/10 रेटिंग मिली है। इसकी नीलामी के दौरान खरीदार को ओरिजनल यूजर मैनुअल भी मिला, जिसमें Apple के को-फाउंडर्स के हाथ से लिखे कुछ नोट्स भी थे। Apple-1 कंप्यूटर का ऐतिहासिक महत्व इसे बेहद रेयर और वैल्यूएबल बनाता है, इसलिए टेक्नोलॉजी प्रेमियों के लिए यह किसी खजाने से कम नहीं।
Apple-1 सिर्फ एक कंप्यूटर नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक क्रांति
Apple-1 कंप्यूटर को हाल ही में 3.21 करोड़ रुपये में नीलाम किया गया। RR Auction के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट बॉबी लिविंगस्टन ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा, Apple-1 सिर्फ एक कंप्यूटर नहीं, बल्कि स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनिएक की क्रांतिकारी सोच का प्रमाण है, जिसने पूरी टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को बदलकर रख दिया।
Apple का पहला प्रोडक्ट, जिसने कंप्यूटिंग को बदला
Apple-1 को Apple Computer Company का पहला प्रोडक्ट माना जाता है, जिसे 1976 में लॉन्च किया गया था। उस समय इसकी कीमत सिर्फ 666.66 थी। यह उन शुरुआती कंप्यूटरों में से एक था, जिसे असेंबल सर्किट बोर्ड के रूप में बेचा गया, ताकि यूजर्स को इसे खुद असेंबल करने की जरूरत न पड़े। हालांकि, इसे इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को अलग से कीबोर्ड, मॉनिटर और पावर सप्लाई खरीदनी पड़ती थी। कुछ यूजर्स ने इसे लकड़ी या प्लेक्सीग्लास बॉक्स में फिट करके इस्तेमाल किया।
क्यों है यह इतना दुर्लभ?
Apple-1 के सिर्फ 200 यूनिट्स बनाए गए थे, जिनमें से 175 यूनिट्स टेक्नोलॉजी प्रेमियों को बेचे गए थे। आज यह कंप्यूटर Apple के शुरुआती दिनों का प्रतीक बन चुका है और इसे टेक्नोलॉजी इतिहास का एक अहम हिस्सा माना जाता है। यही वजह है कि इसकी नीलामी इतनी ऊंची कीमत पर हुई। Apple-1 ने उस दौर में पर्सनल कंप्यूटिंग को एक नई दिशा दी थी और यह आज भी टेक्नोलॉजी के दीवानों के लिए एक कलेक्टर आइटम बना हुआ है।
Apple-1 के स्पेसिफिकेशन्स
Apple-1 को उस समय के लिए अत्याधुनिक कंप्यूटर माना जाता था, हालांकि इसकी स्पेसिफिकेशन्स आज के कंप्यूटरों की तुलना में बेहद बेसिक थीं। इसमें प्रोसेसर: MOS MCS6502, RAM: 4KB, स्टोरेज डेटा को कैसेट टेप्स में स्टोर किया जाता था और कीबोर्ड लोअरकेस लेटर्स टाइप करने और डिलीट की सुविधा नहीं थी।
नीलामी में Apple के यादगार सामानों की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री
- स्टीव जॉब्स द्वारा हस्ताक्षरित 1976 का चेक 93 लाख रुपये में बिका।
- एक और चेक (1976 का भी) 52 लाख रुपये ($62,500) में बिका।
- पहली पीढ़ी का फैक्ट्री-सील 4GB iPhone 72 लाख रुपये में बिका।
- दुर्लभ ‘ट्विगी’ ड्राइव वाले Apple लिसा कंप्यूटर 47 लाख रुपये ($56,818) में बिके।
- नीलामी में पुराने मैकिन्टोश प्रोटोटाइप और स्टीव जॉब्स के बिजनेस कार्ड भी बेचे गए।