NASA Ripple Fact Check: हाल ही में सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है कि NASA Ripple को सपोर्ट कर रही है। X पर इस तरह की पोस्ट्स तेजी से फैल रही हैं लेकिन जांच में पता चला है कि ये दावे गलत हैं। NASA की 2017 की एक रिपोर्ट का गलत अर्थ निकाला गया है।
सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों के बीच NASA और Ripple के संबंध का सच जानें। NASA Ripple को सपोर्ट नहीं कर रही है, यह केवल Blockchain तकनीक पर शोध कर रही है।
NASA की 2017 की रिपोर्ट का मकसद
2017 में NASA ने Bitcoin, Blockchain और अंतरिक्ष यान मिशन नाम से एक रिपोर्ट जारी की थी। इसे डैनियल मंडल ने लिखा था। इस रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य यह था कि Blockchain तकनीक अंतरिक्ष मिशन को कैसे बेहतर बना सकती है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि Blockchain तकनीक मिशन की लागत घटा सकती है। सिस्टम को भरोसेमंद बना सकती है, काम को ऑटोमेट कर सकती है और डेटा का एक सुरक्षित ट्रैक रख सकती है। साथ ही इसमें Blockchain की चुनौतियों का भी जिक्र है, जैसे धीमी गति और बड़ी फाइल साइज। रिपोर्ट में कहा गया कि अंतरिक्ष मिशन के लिए हल्का और मजबूत Blockchain सिस्टम जरूरी है लेकिन किसी प्लेटफॉर्म का विशेष समर्थन नहीं किया गया।
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फैल रही गलत जानकारी
कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स ने NASA की इस रिपोर्ट को गलत तरीके से पेश किया है। उदाहरण के तौर पर, 2018 की एक Space Symposium पेपर का हिस्सा शेयर किया गया, जिसमें Ripple का जिक्र था। यह पेपर NASA की 2017 की रिपोर्ट से अलग है और इसका NASA के Ripple समर्थन से कोई संबंध नहीं है।
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एक अन्य पोस्ट में दावा किया गया है कि NASA ने Ripple और XRP को मान्यता दी है, लेकिन रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं है। NASA केवल Blockchain तकनीक पर शोध कर रही है, किसी विशेष Cryptocurrency को प्रमोट नहीं कर रही