Nudge का मकसद है बिना किसी सर्जरी या दवा के एक ऐसा सिस्टम बनाया जाए जो दिमाग की एक्टिविटी को बेहतर कर सके।
Nudge : Coinbase के को-फाउंडर फ्रेड एर्सम ने एक ब्रेन-टेक स्टार्टअप Nudge की शुरुआत की है। Nudge का मकसद इंसानी दिमाग की कैपेसिटी को बेहतर बनाना है। Nudge ने हाल ही में सीरीज A फंडिंग में 100 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। यह फंडिंग Thrive Capital और Greenoaks Capital ने लीड की है जिनके साथ कई एंजल इन्वेस्टर्स भी शामिल थे।
क्या करता है Nudge?
Nudge का मकसद है बिना किसी सर्जरी या दवा के एक ऐसा सिस्टम बनाया जाए जो दिमाग की एक्टिविटी को बेहतर कर सके। कंपनी ने अप्रैल में अपना पहला ह्यूमन एक्सपेरिमेंट के लिए Nudge Zero लॉन्च किया था। यह डिवाइस हर दिन विभिन्न रिसर्च स्टडीज में यूज हो रहा है। इससे इसका लगातार टेस्ट और सुधार किया जा रहा है।
क्या है Nudge का दावा
Nudge का दावा है कि उनकी यह डिवाइस बिल्कुल सेफ, बिना शरीर में प्रवेश किए और काफी सटीक है। कंपनी का मानना है कि आने वाले समय में पूरे वर्ल्ड की आधी से ज्यादा आबादी को किसी न किसी प्रकार की ब्रेन डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है, जिसका Nudge समाधान बन सकता है।
तकनीक और हेल्थ का मेल
Nudge की टेक्नोलॉजी हार्डवेयर, फिजिक्स मॉडलिंग और सिग्नल प्रोसेसिंग को जोड़कर रियल टाइम ब्रेन फीडबैक देती है। इससे यह समझा जा सकता है कि इंसान का दिमाग कैसे काम कर रहा है और उसे कैसे सुधारा जा सकता है।
यह स्टार्टअप दिखाता है कि कैसे Crypto की दुनिया से निकलकर टेक इनोवेशन अब हेल्थकेयर में भी क्रांति ला सकते हैं। Fred Ehrsam की यह नई पहल न सिर्फ ब्रेन हेल्थ में उम्मीद जगाती है, बल्कि यह दिखाती है कि भविष्य की तकनीकें कितनी मानवीय हो सकती हैं।