भारत में फाइनेंशियल विज्ञापनों के लिए Meta का नया नियम। अब जरूरी होगा SEBI रजिस्ट्रेशन या पहचान वैरिफिकेशन, 31 जुलाई से लागू होंगे सख्त नियम विज्ञापनदाताओं के लिए।
Meta Ads New Rule: भारत में डिजिटल विज्ञापनों की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी Meta ने भारत में सिक्योरिटीज और इन्वेस्टमेंट से जुड़े विज्ञापनों के लिए नई वैरिफिकेशन पॉलिसी लागू करने की घोषणा की है।
क्या है नया नियम
31 जुलाई 2025 से जो भी एडवरटाइजर भारत में लोगों को टारगेट करके फाइनेंशियल सर्विस से जुड़े विज्ञापन चलाएंगे। चाहे वो भारत के हों या किसी और देश के उन्हें यह बताना जरूरी होगा कि इस विज्ञापन के पीछे फायदा किसे हो रहा है और पैसा कौन दे रहा है।
इसके लिए Meta ने कहा है कि विज्ञापनदाता को SEBI भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड का रजिस्ट्रेशन नंबर देना होगा, उस व्यक्ति या संस्था का जिसे विज्ञापन से फायदा हो रहा है और जो इसका भुगतान कर रहा है।
अगर SEBI रजिस्ट्रेशन नहीं है तो क्या करें
अगर कोई व्यक्ति या कंपनी SEBI के तहत रजिस्टर्ड नहीं है, तो वह अपनी पहचान या बिजनेस वैरिफिकेशन के जरिए भी इस प्रक्रिया को पूरा कर सकता है।
Meta इन जानकारियों को कहां दिखाएगा
यह सभी जानकारी अब सीधे विज्ञापन पर एक डिस्क्लेमर के रूप में दिखाई जाएगी, जिसमें SEBI रजिस्ट्रेशन नंबर भी शामिल होगा। साथ ही Meta की Ad Library में यह जानकारी 7 साल तक सुरक्षित रखी जाएगी।
प्रक्रिया कब से शुरू होगी
Meta ने कहा है कि यह प्रक्रिया 26 जून 2025 से शुरू कर दी जाएगी और 28 जुलाई तक ये टूल्स सभी को उपलब्ध करा दिए जाएंगे। सभी एडवरटाइजर्स को कम से कम एक महीने का समय दिया जाएगा, जिससे वे खुद को वैरिफाई कर सकें।
कैसे करें वैरिफिकेशन
- Meta Business Suite या अन्य Meta सपोर्टेड टूल्स में जाकर Authorizations and Verifications टैब के तहत प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
- वैरिफिकेशन के बाद जब आप नया विज्ञापन सेटअप करेंगे, तो आपको वैरिफाइड लाभार्थी और भुगतानकर्ता का चयन करना होगा।
- आप एड सेट लेवल पर भी regional regulated categories और regional regulation identities जैसे पैरामीटर्स जोड़ सकते हैं।
क्या पुराने विज्ञापन भी प्रभावित होंगे
जो विज्ञापन 31 जुलाई से पहले एक्टिव हैं और अगर उनका विज्ञापन खाता वैरिफिकेशन पूरा कर चुका है, तो उन्हें अपडेट करने की जरूरत नहीं होगी।
Meta की सलाह
Meta ने सभी ब्रांड्स और एजेंसियों को खुद वैरिफिकेशन करने की सलाह दी है, ताकि किसी तरह की देरी ना हो। इसमें बिजनेस डॉक्युमेंट्स और डोमेन बेस्ड ईमेल वेरिफिकेशन की जरूरत पड़ सकती है।