Data Dump से कई तरह की महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाई जा सकती हैं। जांच एजेंसियां आमतौर पर इसमें कॉल लॉग, टेक्स्ट मैसेज, फाइलें, ब्राउजिंग हिस्ट्री और ईमेल ढूंढती हैं।
Data Dump Technology: सैफ अली खान पर हाल ही में हुए हमले को लेकर लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, सैफ अली खान पर हमले की वजह चोरी बताई जा रही थी, लेकिन इस मामले में अब पुलिस ने नया खुलासा करते हुए कहा है कि आरोपी की पहचान हो गई है और उसकी तलाश जारी है। पुलिस ने अज्ञात शख्स के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
Data Dump का इस्तेमाल
बता दें कि पुलिस ने आरोपियों की पहचान के लिए data dump का यूज किया था। दरअसल, जिस समय सैफ अली खान पर हमला हुआ था, पुलिस ने उस समय का डेटा डंप निकाला, जिससे उन्हें पता चला कि हमले के समय उस इलाके में कौन से मोबाइल नेटवर्क एक्टिव थे। इसी डेटा के आधार पर पुलिस ने आरोपियों की पहचान की है। पुलिस अक्सर अज्ञात अपराधियों का पता लगाने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल करती है। तो आइए जानते हैं डेटा डंप क्या है और यह कैसे काम करता है।
क्या होता है Dump Data
Dump Data किसी मोबाइल या लोकेशन से एकत्रित की गई जानकारी होती है। यह कॉल लॉग, मैसेज, इमेज या वीडियो के रूप में हो सकती है। इस तरह के Data का इस्तेमाल तकनीकी निदान, फोरेंसिक जांच या किसी प्रक्रिया की डीबगिंग के लिए किया जाता है। यह डेटा किसी इलाके के मोबाइल टावर से निकाला जाता है।
सरल भाषा में कहें तो किसी इलाके में एक सेल टावर होता है, जिससे उस इलाके में मौजूद सभी मोबाइल फोन को नेटवर्क मिलता है। डेटा डंप से यह जानकारी मिलती है कि किसी इलाके में एक निश्चित समय पर कितने फोन नेटवर्क से जुड़े हैं। सैफ के मामले में पुलिस ने भी यही किया है।
कैसे निकाली जाती है जानकारी
जैसे ही कोई फोन मोबाइल नेटवर्क से जुड़ता है, उसका लॉग तैयार हो जाता है। इस लॉग में मोबाइल की सारी जानकारी जैसे IMEI नंबर, MAC एड्रेस, IP एड्रेस और लोकेशन समेत बेसिक मेटाडेटा शामिल होता है।
मोबाइल फोन टावर सभी कनेक्टेड मोबाइल फोन का डेटा रखते हैं। इस डेटा के आधार पर पता लगाया जा सकता है कि कौन सा मोबाइल यूजर कहां मौजूद था। यह लोकेशन मोबाइल फोन की होगी, उसे इस्तेमाल करने वाले की नहीं। इसकी जांच के लिए सेल टावर डंप एनालिसिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है।
डेटा डंप से कई तरह की अहम जानकारियां जुटाई जा सकती हैं। जांच एजेंसियां आमतौर पर डेटा डंप से कॉल लॉग, टेक्स्ट मैसेज, फाइल, ब्राउजिंग हिस्ट्री और ईमेल ढूंढती हैं।