AI Jobs Risk: नोबेल पुरस्कार विजेता जेम्स रॉबिंसन ने कहा है कि AI इंसानों के लिए खतरा बन सकता है। उनका मानना है कि बड़ी टेक कंपनियां रोबोट और AI का इस्तेमाल करके इंसानों की जगह लेना चाहती हैं। इससे नौकरियां कम होंगी और वेतन घटेगा।
जेम्स एलन रॉबिन्सन ने चेताया कि AI केवल अमीर देशों और लोगों के लिए फायदेमंद रहेगा, आम लोगों की नौकरियां खतरे में हैं।
कंप्यूटर से ज्यादा AI खा रहा नौकरियां
रॉबिंसन ने बताया कि पहले कंप्यूटर ने कई पेशों में इंसानों की जगह ली थी, लेकिन AI का असर उससे कहीं ज्यादा होगा। वे कहते हैं कि AI मेरी तरह शिक्षित और अनुभवी लोगों की भी नौकरियां ले सकता है, जबकि कंप्यूटर ऐसा कभी नहीं कर सका।
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क्या कहते हैं सर्वेक्षण ?
अमेरिका में हाल के सर्वेक्षण दिखाते हैं कि AI की वजह से ग्रेजुएट के बाद भी में बेरोजगारी बढ़ रही है। कंप्यूटर इंजीनियरिंग, ग्राफिक डिजाइन, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर के स्नातकों को नौकरी पाना मुश्किल हो गया है। जेपी मॉर्गन के अर्थशास्त्री माइकल फेरोली के अनुसार यह हालात पहले से ही बढ़ रहे हैं।
गरीब देशों और लोगों के लिए इसका फायदा कम
रॉबिंसन ने कहा कि AI का असर केवल अमीर देशों तक नहीं रहेगा। इसके लाभ अमीर देशों और अमीर लोगों तक ही सीमित रहेंगे, जबकि गरीब देशों और सामान्य लोगों को इसका फायदा कम मिलेगा। इससे वैश्विक असमानता और बढ़ सकती है।
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उन्होंने नीति निर्माताओं से कहा कि AI को इंसानों का विकल्प बनाने की बजाय सहयोगी बनाना चाहिए। इसके लिए नए कानून और नियम बनाने होंगे। रॉबिंसन ने पश्चिमी यूरोप के वेलफेयर मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां का तरीका अमेरिका से बेहतर है।
