Google Willow एक क्वांटम चिप है, जिसकी घोषणा हाल ही में गूगल ने की है। यह न केवल कंप्यूटिंग में उन्नति लाएगा, बल्कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को भी प्रभावित करेगा।
Google Willow Chip: Google ने हाल ही में एक नई क्वांटम कंप्यूटिंग चिप ‘Willow’ की घोषणा की है। Willow चीप पूरे टेक्नोलॉजी जगत का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यह चिप इतनी शक्तिशाली है कि यह कंप्यूटरों की तुलना में कई गुना तेजी से मुश्किल कैलकुलेशन कर सकती है। अब सवाल यह है कि Google की नई टेक्नोलॉजी बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य कैसे बदल सकती है?
बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी आज बहुत फेमस हैं, लेकिन अब क्वांटम कंप्यूटिंग नाम की इस नई तकनीक के कारण अब वे खतरे में हैं। Google ने हाल ही में जिस नई क्वांटम चिप Willow की घोषणा की है, उससे यह खतरा और बढ़ सकता है।
क्या है क्वांटम कंप्यूटिंग?
- क्वांटम कंप्यूटर मौजूदा कंप्यूटर से अलग होते हैं।
- सामान्य कंप्यूटर 0 और 1 में डेटा को समझते हैं, जबकि क्वांटम कंप्यूटर ‘क्यूबिट’ का उपयोग करते हैं।
- ये क्यूबिट एक ही समय में 0 और 1 दोनों हो सकते हैं।
- क्वांटम कंप्यूटर बहुत तेज गति से कठिन कार्य करने में सक्षम होते हैं।
Google की नई चिप Willow क्वांटम कंप्यूटिंग में एक बड़ा कदम है, क्योंकि यह कंप्यूटर को तेज और अधिक सटीक बनाती है।
क्यों है Bitcoin पर खतरा ?
बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को सेफ रखने के लिए एन्क्रिप्शन का यूज किया जाता है। यह एन्क्रिप्शन इतना मजबूत होता है कि इसे सामान्य कंप्यूटर से तोड़ना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन क्वांटम कंप्यूटर इतने शक्तिशाली होते हैं कि वे इसे मिनटों में तोड़ सकते हैं।
1994 में बनाए गए एक खास एल्गोरिदम की मदद से क्वांटम कंप्यूटर बड़ी संख्या को जल्दी से हल कर सकते हैं। इससे बिटकॉइन की सुरक्षा टूट हो सकती है और डिजिटल वॉलेट में रखे सिक्के चोरी हो सकते हैं।
Bitcoin पर खतरा ज्यादा क्यों है?
बिटकॉइन ज्यादा अनसेफ है क्योंकि यह बिना किसी सरकारी या रेगुलेटर प्रोटेक्शन के संचालित होता है। अगर बिटकॉइन चोरी हो जाता है, तो इसे वापस पाने की कोई गारंटी नहीं है। कई शुरुआती बिटकॉइन पते, जिनकी सार्वजनिक कुंजियां पहले ही उजागर हो चुकी हैं, आसानी से क्वांटम हैकिंग का शिकार हो सकते हैं। इन पतों में लगभग 13 लाख करोड़ हैं।
Google पर क्रिप्टोकरेंसी का असर
Google की नई क्वांटम चिप पूरी दुनिया में डिजिटल सुरक्षा के स्तर को बदल सकती है। अगर Google सही दिशा में काम करता है, तो यह बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी के लिए बेहतर सुरक्षा और तेज लेनदेन का रास्ता खोल सकता है। इसका असर ऑनलाइन बैंकिंग, स्वास्थ्य डेटा और सरकारी सिस्टम जैसे क्षेत्रों पर भी पड़ेगा।