डुरोव ने हाल ही में एक अनोखी और मजेदार प्रतियोगिता की घोषणा की है, जिसमें हिस्सा लेने वालों को करीब 2.72 लाख तक का इनाम मिल सकता है।
WhatsApp vs Telegram: दुनिया के दो सबसे बड़े मैसेजिंग ऐप्स Telegram and Whatsapp के बीच अब सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। Telegram के सीईओ और अरबपति को-फाउंडर पावेल डुरोव ने Whatsapp को खुले तौर पर चुनौती दी है और उसे ‘सस्ता नकलची’ कह दिया है।
क्या है ये नया मुकाबला?
डुरोव ने हाल ही में एक अनोखी प्रतियोगिता का ऐलान किया है, जिसमें 50,000 (लगभग 2.72 लाख) तक ईनाम रखा गया है। इस कॉम्पटीशन में दुनियाभर के लोगों को एक छोटा-सा वीडियो बनाना है, जिसमें यह दिखाना होगा कि Whatsapp ने Telegram की कौन-कौन सी सुविधाओं की नकल की है। यह वीडियो TikTok-स्टाइल में होना चाहिए और 3 मिनट (180 सेकंड) से ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए। इसमें आप AI की मदद भी ले सकते हैं। Telegram की तरफ से उन 30 फीचर्स की एक लिस्ट जारी की गई है, जो पहले Telegram पर आए थे और बाद में Whatsapp ने उन्हें अपनाया। डुरोव का दावा है कि यह लिस्ट भी पूरी नहीं है अभी और भी कई ऐसे फीचर्स हैं, जो Whatsapp में नहीं हैं।
Few WhatsApp users realize they’re using a copycat. Over 80% of its features were copied from Telegram — years later. pic.twitter.com/h4Yx5AX3YL
— Pavel Durov (@durov) May 18, 2025
कैसे लें हिस्सा?
- वीडियो अंग्रेज़ी भाषा में होना चाहिए।
- उसमें रचनात्मकता, सटीक जानकारी और मनोरंजन का तालमेल होना चाहिए।
- इसे सोशल मीडिया पर शेयर करके Telegram के निर्देशों के मुताबिक टैग करना होगा।
- प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की आखिरी तारीख 26 मई 2025 है।
- विजेताओं की घोषणा जून 2025 में की जाएगी।
डुरोव पहले भी कर चुके हैं Whatsapp पर वार
यह पहली बार नहीं है जब डुरोव ने Whatsapp पर निशाना साधा हो। इससे पहले 2022 में उन्होंने आरोप लगाया था कि Whatsapp में ‘बिल्ट-इन बैकडोर’ होते हैं, जिससे यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में पड़ जाती है। उन्होंने कहा था कि अगर आपके फोन में Whatsapp है, तो आपकी बाकी ऐप्स का डेटा भी सुरक्षित नहीं है। डुरोव ने तब यूजर्स को चेताया था कि ‘कोई भी मैसेजिंग ऐप इस्तेमाल करें, लेकिन Whatsapp से दूर रहें।‘
अभिव्यक्ति की आजादी पर भी बोले डुरोव
हाल ही में डुरोव ने एक और खुलासा किया कि पश्चिमी यूरोप के एक देश ने उनसे अनुरोध किया था कि वह अपने ऐप पर रोमानिया के चुनावों से पहले कंजर्वेटिव आवाजों को सेंसर करें। डुरोव ने इस मांग को ठुकरा दिया और कहा कि Telegram हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में खड़ा रहेगा।
Telegram और Whatsapp की यह लड़ाई अब तकनीक से आगे बढ़कर विश्वास और विचारधारा तक जा पहुंची है। यह प्रतियोगिता न केवल एक मजेदार मौका है पैसे कमाने का, बल्कि सोशल मीडिया यूजर्स को दोनों प्लेटफार्म्स को समझने और सवाल करने का भी एक जरिया है।