Microsoft अपने यूजर्स को passkey से पूरी आजादी देने की तैयारी कर रहा है। कंपनी ने नया साइन-इन सिस्टम लॉन्च किया है, जिसमें passkey को प्राथमिकता दी गई है।
Microsoft Passkey Launched : Microsoft अब पासवर्ड से छुटकारा पाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है। कंपनी ने ऐलान किया है कि नए Microsoft अकाउंट्स अब बिना पासवर्ड के बनाए जाएंगे। इसकी जगह यूजर्स फेस आईडी, फिंगरप्रिंट, सिक्योरिटी की या Passkey जैसे सेफ ऑप्शन का यूज कर सकेंगे।
क्यों खत्म हो रहा है पासवर्ड का दौर?
Microsoft का मानना है कि पासवर्ड अब सेफ नहीं रह गए हैं। इन्हें आसानी से हैक किया जा सकता है और यूजर्स भी अकसर कमजोर या बार-बार दोहराए जाने वाले पासवर्ड चुनते हैं। कंपनी के मुताबिक, हर सेकंड करीब 7,000 पासवर्ड-बेस्ड साइबर अटैक हो रहे हैं, जो बीते साल की तुलना में लगभग दोगुना हैं।
Passkey हैं ज्यादा सुरक्षित
Passkey जैसी टेक्नोलॉजी यूजर की पहचान बायोमेट्रिक या डिवाइस से जोड़ती है, जिससे फिशिंग और हैकिंग जैसी घटनाओं की संभावना बेहद कम हो जाती है। ये तरीका न केवल ज्यादा सेफ है, बल्कि लॉगइन प्रक्रिया भी फास्ट और आसान बनाता है। Microsoft का यह कदम टेक्नोलॉजी वर्ल्ड की ओर इशारा करता है, जहां पासवर्ड की जगह स्मार्ट और सुरक्षित विकल्पों का इस्तेमाल आम बात होगी।
Passkey के क्या हैं फायदे?
- री-यूज नहीं हो सकती: यानी कि कोई और व्यक्ति इसे चुरा नहीं सकता।
- फिशिंग और डेटा लीक का डर नहीं: आपकी पहचान आपके डिवाइस या बायोमेट्रिक से जुड़ी होती है।
- याद रखने की जरूरत नहीं: पासवर्ड की तरह इसे भूलने का झंझट नहीं है।
- 8 गुना तेज लॉगइन: Microsoft के मुताबिक, पासकी से साइन-इन करने का सक्सेस रेट 98% है, जबकि पासवर्ड से सिर्फ 32%।
क्या बदलेगा अब?
अब से नया Microsoft अकाउंट पासवर्डलेस डिफॉल्ट सेटिंग के साथ बनेगा। यानी आपको पासवर्ड डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जो यूजर्स पहले से Microsoft सेवाओं का यूज कर रहे हैं। उन्हें भी Passkey पर स्विच करने का ऑप्शन मिलेगा। यह Microsoft के लंबे समय से चले आ रहे सुरक्षा विजन का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत 2015 में Windows Hello के साथ हुई थी। यह बदलाव न सिर्फ सुरक्षा को बेहतर बनाएगा, बल्कि तकनीक को भी यूज़र-फ्रेंडली और भविष्य के लिए तैयार बनाएगा।