प्रीमियम स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट आदि में इस्तेमाल होने वाले 3nm चिप्स अब भारत में ही बनाए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा की है।
IT minister Ashwini Vaishnav : भारत जल्द ही टेक्नोलॉजी की दुनिया में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। अब देश में पहली बार 3nm चिप डिजाइन किया जाएगा। इस बड़ी उपलब्धि की जानकारी खुद केंद्रीय आईटी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है। उन्होंने हाल ही में दिल्ली एनसीआर और बेंगलुरु में दो एडवांस चिप डिजाइन फैसिलिटी का उद्घाटन किया है, जहां ये आधुनिक चिप्स बनाए जाएंगे।
क्या है 3nm चिप और क्यों है खास?
3nm चिप को आज की तारीख में सबसे एडवांस और पावरफुल प्रोसेसर माना जाता है। यह चिप ज्यादा तेज, ज्यादा पावर-एफिशिएंट और छोटे साइज की होती है। ऐसे चिप्स का इस्तेमाल प्रीमियम स्मार्टफोन, टैबलेट्स, लैपटॉप और अन्य हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज में होता है।
कौन-कौन इस्तेमाल करता है 3nm चिप?
केंद्रीय मंत्री ने X पर एक वीडियो शेयर कर लिखा है कि पहली बार भारत में 3nm चिप डिजाइन की जाएगी। आज की तारीख में Apple, Samsung, Xiaomi, OnePlus जैसी कंपनियां अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन में 3nm चिप्स का इस्तेमाल करती हैं। अभी तक ये कंपनियां इसके लिए चीन और ताइवान जैसे देशों पर निर्भर थीं, लेकिन अब भारत भी इस रेस में शामिल हो गया है।
पहले बन चुके हैं 5nm और 7nm चिप
इससे पहले भारत में 5nm और 7nm चिप्स का डिजाइन किया जा चुका है, लेकिन 3nm चिप के साथ भारत अब उन गिने-चुने देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जो लेटेस्ट टेक्नोलॉजी वाले सेमीकंडक्टर्स खुद डिजाइन करते हैं। यानी कि अब भारत को इन चिप्स के लिए किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
नोएडा और बेंगलुरु में बनेंगे चिप्स, मिलेंगे रोजगार
नोएडा और बेंगलुरु की ये फैसिलिटी सिर्फ चिप डिजाइन तक ही सीमित नहीं रहेंगी। यहां ATMP यानी Assembly, Testing, Marking और Packaging का काम भी होगा। इससे सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नोएडा में इस फैसिलिटी के बनने से नॉर्थ इंडिया भी अब टेक्नोलॉजी हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इससे पूरे भारत में एक मजबूत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम खड़ा होगा।
छात्रों और संस्थानों को मिल रही मदद
भारत के Semiconductor Mission के तहत 270 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थानों को एडवांस सॉफ्टवेयर टूल्स दिए जा चुके हैं। जल्द ही इन संस्थानों को हार्डवेयर किट्स भी मिलेंगी ताकि छात्र प्रैक्टिकल तौर पर चिप डिजाइनिंग सीख सकें। केंद्रीय मंत्री ने इस प्रगति के लिए CDAC की भी सराहना की, जो इस मिशन में अहम भूमिका निभा रहा है।