फ्रांस के प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण ने सोमवार को कहा कि उसने पाया कि Apple का ऐप ट्रैकिंग पारदर्शिता ढांचा, जिसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को तीसरे पक्ष के अनुप्रयोगों द्वारा डेटा भंडारण के लिए सहमति की आवश्यकता है, स्वयं आलोचना के लिए खुला नहीं है।
Apple Fined: दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक Apple पर फ्रांस की सरकार ने बड़ा जुर्माना लगाया है। फ्रांस की प्रतिस्पर्धा नियामक संस्था ने Apple पर 150 मिलियन यूरो करीब 1,368 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। आरोप है कि Apple ने अपने iPhone और iPad के ऐप वितरण नियमों का गलत फायदा उठाया और छोटे डेवलपर्स को नुकसान पहुंचाया।
Apple पर जुर्माना क्यों लगा?
Apple ने 2021 में ‘ऐप ट्रैकिंग ट्रांसपेरेंसी’ नाम का एक फीचर लॉन्च किया था। इसका दावा था कि यह यूजर्स को यह तय करने की आजादी देगा कि वे थर्ड-पार्टी ऐप्स को अपनी एक्टिविटी ट्रैक करने की अनुमति देना चाहते हैं या नहीं, लेकिन फ्रांस की एजेंसी का कहना है कि Apple ने यह नियम दूसरी कंपनियों पर सख्ती से लागू किया, लेकिन खुद इसका फायदा उठाता रहा। यानी, दूसरी कंपनियों को यूजर डेटा लेने के लिए कड़ी शर्तों का सामना करना पड़ा, जबकि Apple को खुद अपने डेटा तक आसानी से पहुंच मिली। इससे दूसरी कंपनियों को नुकसान हुआ और Apple का दबदबा और बढ़ गया।
Apple के नियमों पर सवाल क्यों उठे?
Apple कहता है कि उसका ATT सिस्टम यूजर्स की प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया था, लेकिन फ्रांस की एजेंसी का कहना है कि यह नियम Apple ने खुद के फायदे के लिए बनाया, ताकि बाजार में उसकी पकड़ मजबूत बनी रहे।
पहले भी लग चुका है Apple पर जुर्माना
यह पहली बार नहीं है जब Apple को इस तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ा हो। पिछले साल, यूरोपीय संघ ने Apple पर 1.8 बिलियन यूरो यानी की करीब 16,500 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया था। तब स्वीडन की म्यूजिक स्ट्रीमिंग कंपनी Spotify ने शिकायत की थी कि Apple, ऐप स्टोर के जरिए अपने प्रतिद्वंद्वियों को नुकसान पहुंचा रहा है।
Apple का जवाब और आगे क्या होगा?
Apple ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है और कहा है कि उसका ATT सिस्टम सिर्फ यूजर्स की प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया था। लेकिन फ्रांस की एजेंसी का मानना है कि Apple ने इसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया। अब Apple के पास दो ही रास्ते हैं, जिनमें या तो वह यह जुर्माना चुका देया फिर इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में अपील करे।
Apple पर लगाया गया यह जुर्माना तकनीकी कंपनियों के मनमाने रवैये पर लगाम लगाने की एक और कोशिश है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि Apple अपने बिजनेस मॉडल में कोई बदलाव करता है या फिर इस कानूनी लड़ाई को और आगे बढ़ाता है।