जल्द ही एक ऐसी शानदार तकनीक आने वाली है जो फोन इस्तेमाल करने के तरीके को पूरी तरह बदल देगी।
Apple new technology: Apple एक ऐसी नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है, जो हैरान करने वाली है। यह तो न कोई नया iPhone है, न iPad और न ही Vision Pro का अगला वर्जन। बल्कि कुछ ऐसा है जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। खबर है कि अब तक हम फोन को उंगलियों से चलाते हैं, लेकिन जल्द ही ऐसा हो सकता है कि आपका iPhone सीधे आपके दिमाग से कंट्रोल हो।
दिमाग से कैसे चलेगा फोन?
Apple ने एक ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस टेक्नोलॉजी पर काम शुरू किया है। इसके लिए Apple ने Synchron नाम की एक कंपनी से हाथ मिलाया है। ये कंपनी ऐसे सिस्टम पर काम कर रही है, जो आपके दिमाग के सिग्नल को समझकर उन्हें डिवाइस के कमांड में बदल देती है। यानी की अगर सब कुछ सही रहा तो आने वाले समय में आप सिर्फ सोचकर अपने फोन में ऐप खोल सकेंगे, कॉल रिसीव कर सकेंगे या मैसेज भेज सकेंगे वो भी बिना स्क्रीन को छुए।
किन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा?
इस टेक्नोलॉजी का मकसद सिर्फ लग्जरी नहीं, बल्कि ज़रूरतमंद लोगों की मदद करना है। खासकर वे लोग जो रीढ़ की हड्डी में चोट या किसी गंभीर बीमारी के कारण हाथों का इस्तेमाल नहीं कर पाते, उनके लिए ये टेक्नोलॉजी वरदान होगी। Synchron ने एक छोटा सा इंप्लांट तैयार किया है जिसका नाम Stentrode है। यह इंप्लांट दिमाग की नसों के पास लगाया जाएगा और वहां से इलेक्ट्रिकल सिग्नल पढ़ेगा। फिर ये सिग्नल सॉफ्टवेयर के जरिए iPhone या iPad तक पहुंचेंगे और काम करेंगे।
Apple की नई टेक्नोलॉजी से मिलेगी खास मदद
Apple की यह ब्रेन कंट्रोल टेक्नोलॉजी अभी अपने शुरुआती दौर में है, लेकिन इसका असर बहुत बड़ा हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नई टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग ALS बीमारी से पीड़ित मार्क जैक्सन नामक व्यक्ति ने की है। मार्क न तो चल सकते हैं और न ही उठ सकते हैं, लेकिन उन्होंने ब्रेन इंप्लांट के जरिए iPhone और Apple Vision Pro को आसानी से यूज किया। यानी बिना हाथ लगाए, सिर्फ दिमाग से डिवाइस कंट्रोल किया गया।
2025 तक आ सकता है नया सॉफ्टवेयर
खबर है कि Apple इस टेक्नोलॉजी से जुड़ा एक नया सॉफ्टवेयर 2025 के आखिर तक रिलीज कर सकता है। इस सॉफ्टवेयर से थर्ड पार्टी डेवलपर्स ऐसे ऐप्स बना सकेंगे, जो ब्रेन इंप्लांट के साथ मिलकर काम करें। फिलहाल, इस ब्रेन इंप्लांट को अमेरिका की FDA से मंजूरी मिलनी बाकी है। अभी यह टेक्नोलॉजी सीमित लोगों के लिए है, लेकिन Apple की एंट्री से उम्मीद है कि यह भविष्य में ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी। हालांकि, कुछ लोगों को यह टेक्नोलॉजी Elon Musk की Neuralink जैसी लग सकती है, लेकिन Apple का फोकस इसे ज्यादा सेफ और आसान बनाकर आम लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने पर है।