अब रोबोट चलेगा ही नहीं उड़ेगा भी…खूबियां जानकर हो जाएंगे हैरान….

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November 28, 2025

Flying Robot: रोबोट का मतलब अब केवल धातु की बनी कोई चलती मशीन नहीं रह गया है। तकनीक ने आज Robotics Innovation को इतने बेहतरी लेबल पर पहुंचा दिया है कि विज्ञान की किताबों में लिखे शब्द आज हकीकत लगने लगे है। तकनीक के दौर में कई देश अत्याधुनिक गुणों से लैस रोबोट बना रहे हैं। इसी कड़ी में California Institute of Technology और चीन की एक टेक कंपनी के मदद से X1 Robot बनाई है जो अबतक के रोबोटों से अलग अवतार में दिखाई देगी।

रोबोट जमीन पर चलने से लेकर आसमान में उड़ान भरने तक हर काम एक साथ कर सकता है। जानिए कैसे यह तकनीक भविष्य बदलने वाली है।

क्या है खासियत

X1 की असली खासियत उसकी बनावट नहीं, बल्कि उसका स्वभाव है। यह रोबोट खुद को हालात के अनुसार बदल लेता है। कभी यह दो पैरों पर इंसान की तरह चलता है। कभी अचानक अपनी पीठ से उठते ड्रोन को हवा में उड़ता देखता है। और कभी दोनों एक साथ मिलकर एक ऐसी टीम बन जाते हैं, जो जमीन से लेकर आसमान तक किसी भी स्थिति में खुद को ढाल सकती है। यही बहुआयामी क्षमता X1 को बाकी रोबोटों से बिलकुल अलग श्रेणी में रखती है।

चीन और अमेरिका मिलकर बनाया

चीन की Unitree G1 Humanoid और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी M4 ड्रोन को जोड़कर बने X1 रोबोट बनाया गया है। वैज्ञानिकों ने इनमें डबल सोच और क्षमता विकसित कर अद्भूत बना दिया है। G1 का काम चलता और संतुलन बनाए रखना है। यह दरवाजे खोलता है, सीढ़ियां चढ़ता है और कठिन इलाकों में भी इंसान जैसी चाल से आगे बढ़ता है। दूसरी तरफ M4 ड्रोन जमीन पर पहियों की तरह घूमता भी है और हवा में उड़कर ऊपर से पूरा दृश्य भी देख सकता है। जब इन्हें एक साथ रखा जाता है, तो G1 जमीन पर दिशाओं को समझता है और M4 आसमान से हालात का विश्लेषण करता है। यानी X1 एक रोबोट नहीं, एक मोबाइल कमांड सिस्टम बन जाता है।

इस तरह करता है काम

G1 रोबोट की पीठ पर जब M4 ड्रोन को सेटअप कर दिया जाता है। देखने ऐसा लगता है जैसे कोई अपने पीठ पर दो पंख लगाए धूम रहे हों। यानी G1 अपना कार्य पूरी मुस्तैदी से कर रहा है। धूम रहा है। दौड़ रहा है। वहीं, जब बाहर किसी खुले मैदान में पहुंचता है तो वहां G1 रोबोट आगे की ओर झुक जाता है। उसके झुकते ही पीठ लॉन्च पैड का रूप धारण कर लेता है। इसके बाद M4 ड्रोन अपना जलवा दिखाना शुरू करता है। वहीं से आसमान में उड़ान भर लेता है।

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3 के अथक प्रयास से मिला परिणाम

टीम को तीन साल तक लगातार इस बात से जूझना पड़ा कि दोनों मशीनें एक-दूसरे की ताकत को कम किए बिना कैसे एक साथ काम करें। खासकर G1 की पीठ पर ड्रोन के वजन के कारण संतुलन बिगड़ जाना सबसे बड़ी चुनौती थी। वैज्ञानिकों ने इसके लिए एक बिल्कुल नई नियंत्रण प्रणाली बनाई जो हर पल रोबोट की चाल और वजन के वितरण का हिसाब रखती है। यही कारण है कि आज X1 आसानी से दौड़ते हुए अचानक झुककर ड्रोन को हवा में भेज देता है और खुद संतुलन बनाए रखता है।

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ये है आगे का मकसद

X1 को अभी एक डेमो कहा जा रहा है, लेकिन इसका असर डेमो से कहीं बड़ा है। यह अगला कदम है उन रोबोटों की दिशा में जो किसी एक उद्देश्य तक सीमित नहीं रहेंगे। कठिन इलाकों में बचाव कार्य हो, सेना के लिए निगरानी मिशन हों, या फिर ऐसी जगहें जहां इंसान का पहुंचना मुश्किल है, X1 जैसी मशीनें हर तरह के काम एक ही समय में कर सकेंगी। ऐसे रोबोट सबसे पहले वहां इस्तेमाल होंगे जहां निर्णय तेजी से और परिस्थितियों के हिसाब से बदलने पड़ते हैं।

ये खुद को नए काम के लिए तैयार रखेंगे

कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रो. एरन एम्स का कहना बिल्कुल सही लगता है कि भविष्य के रोबोट किसी एक पहचान में सीमित नहीं रहेंगे। वे चलेंगे भी, दौड़ेंगे भी, उड़ेंगे भी और जरूरत पड़ने पर खुद को नए काम के लिए तैयार भी कर लेंगे। X1 इस भविष्य की पहली झलक है जो बताता है कि नई पीढ़ी के रोबोट इंसानों की तरह नहीं, बल्कि इंसानों के साथ चलने के लिए तैयार किए जा रहे हैं।

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