अब तक सर्च इंजन की दुनिया में सबसे बड़ा नाम रहे Google को अब जनरेटिव AI के कारण कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
Ads in AI Chatbots: Google दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है, जिसे अब जनरेटिव AI के जरिए कड़ी टक्कर मिल रही है। इस मुकाबले में बने रहने के लिए Google अब AI चैटबॉट्स में विज्ञापन दिखाने की प्लानिंग कर रही है। माना जा रहा है कि Google इस कदम के जरिए डिजिटल ऐड के क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाना चाहती है।
क्या है Google की नई प्लानिंग?
Google अब अपने ‘AdSense for Search’ प्रोग्राम को AI चैटबॉट्स में भी शामिल करने की तैयारी कर रहा है। यह वही प्रोग्राम है जो वेबसाइटों के सर्च रिजल्ट्स में विज्ञापन दिखाने के लिए इस्तेमाल होता है। अब यह टेक्नोलॉजी Google AI चैटबॉट्स की बातचीत के दौरान यूजर्स को Ads दिखाने के लिए यूज में लाई जाएगी।
कहां हो रहा है टेस्ट?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, Google ने iAsk और Liner जैसे कुछ AI चैट ऐप्स के साथ पिछले साल और इस साल ट्रायल किया है। इन ट्रायल्स का मकसद यह समझना है कि जब कोई यूजर AI चैटबॉट से बात करता है, तो उसमें Ads दिखाना कितना असरदार होता है और यूजर का एक्सपीरियंस कैसा रहता है।
Google के सर्च बिजनेस को कौन दे रहा है चुनौती?
Google लंबे समय से इंटरनेट सर्च का सबसे बड़ा नाम रहा है, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। जब से ChatGPT आया है, लोग Google पर कम और AI चैटबॉट्स पर ज्यादा भरोसा दिखाने लगे हैं। इसकी वजह यह है कि चैटबॉट्स सीधे, तेज और आसान जवाब देते हैं वो भी बिना वेबसाइट खोले।
ChatGPT के बाद गूगल ने क्या किया?
Google ने भी जवाबी कदम उठाया और अपना खुद का AI चैटबॉट पेश किया है। इसके साथ ही, सर्च में AI Overview जैसे फीचर जोड़े हैं, जिससे यूजर को सीधे और सटीक जानकारी मिलने लग, लेकिन अब Google को सिर्फ ChatGPT से ही नहीं, बल्कि कई और नए खिलाड़ियों से भी टक्कर मिल रही है।
नए खिलाड़ी मैदान में
अब Perplexity AI जैसे प्लेटफॉर्म सामने आ रहे हैं, जो OpenAI और चीन की DeepSeek जैसी AI तकनीकों का इस्तेमाल करके और भी बेहतर जवाब दे रहे हैं। ये टूल्स तेज, इंटरैक्टिव और बहुत यूजर-फ्रेंडली हैं। ऐसे में Google की पकड़ ढीली होती दिखाई दे रही है।
कानूनी मुसीबत भी
इतना ही नहीं, Google को अमेरिका में एक गंभीर कानूनी चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है। वहां की अदालत ने Google को डिजिटल विज्ञापन के मामले में बाजार पर ज्यादा कंट्रोल रखने का दोषी माना है। अगर यह केस Google के खिलाफ गया, तो उसके सर्च और ऐड बिजनेस पर बड़ा असर पड़ सकता है।