अदालत ने कहा Telegram मैसेंजर, जो एक सूचना संसाधन का मालिक है, वह उन सूचनाओं और चैनलों को हटाने में विफल रहा है जिनमें चरमपंथी गतिविधियों को भड़काने वाली सामग्री थी।
Russia fined Telegram: मॉस्को की एक अदालत ने Telegram मैसेंजर पर करीब 70 लाख रूबल का जुर्माना ठोका है। यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि Telegram ने कथित तौर पर सरकार विरोधी और चरमपंथी कंटेंट को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने से इनकार कर दिया था।
TASS के मुताबिक, अदालत का कहना है कि Telegram पर ऐसे चैनल और संदेश मौजूद थे, जिनमें लोगों को रूसी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने, यूक्रेनी सेना का समर्थन करने और रेलवे जैसे अहम ढांचों पर हमले करने के लिए उकसाया जा रहा था। रूस में पहले भी कई बार सोशल मीडिया कंपनियों पर इसी तरह की कार्रवाई की गई है, खासकर तब जब वे देश की कड़ी साइबर निगरानी नीतियों का पालन करने में विफल रही हैं।
रूस की अदालत द्वारा Telegram पर जुर्माना लगाए जाने के बाद अब इसके संस्थापक पावेल ड्यूरोव भी चर्चा में आ गए हैं। ड्यूरोव, जो मूल रूप से रूस के रहने वाले हैं, अब दुबई में रहते हैं और उन्होंने इस मामले में अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।
Telegram की चुप्पी बनी चिंता की वजह
ड्यूरोव द्वारा बनाई गई यह मैसेजिंग ऐप रूस में बेहद फेमस है, लेकिन सरकार के आदेशों को अनदेखा करने के चलते यह बार-बार विवादों में घिरती रही है। इस बार भी अदालत के फैसले या जुर्माने पर Telegram की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
ड्यूरोव पर चल रही जांच
पावेल ड्यूरोव मार्च 2025 में दुबई लौटे, लेकिन इससे पहले अगस्त 2024 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उन पर धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और बाल यौन शोषण से जुड़ी सामग्री के प्रसार जैसे गंभीर आरोपों की जांच की जा रही थी। हालांकि, इन मामलों में कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है, लेकिन इन आरोपों ने Telegram की छवि और भरोसे को जरूर प्रभावित किया है।