देश में डिजिटल पेमेंट तेजी से बढ़ा है। लोग अब कैश की जगह ऑनलाइन पेमेंट या UPI करना पसंद करते हैं, लेकिन अब डिजिटल पेमेंट के साथ कई तरह की समस्याएं भी सामने आ रही हैं।
UPI Crashed : डिजिटल इंडिया की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है और लोग अब कैश की जगह UPI और दूसरे डिजिटल पेमेंट ऐप्स जैसे Google Pay, PhonePe और Paytm का यूज कर रहे हैं। इन सबके बीच खबर आ रही है कि अब इन पेमेंट सिस्टम्स में टेक्नोलॉजी खामियां आ रही हैं, जिससे यूजर्स को काफी दिक्कत आ रही है। NPCI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 से 2025 के बीच UPI नेटवर्क कुल 17 बार डाउन हुआ है। इस दौरान सबसे ज्यादा दिक्कत जुलाई 2024 में आई, जब UPI सेवा पूरे 207 मिनट तक बंद रही। इससे लाखों यूजर्स प्रभावित हुए और सोशल मीडिया पर नाराजगी भी देखने को मिली।
NPCI ने मांगी माफी
X पर NPCI ने तकनीकी कारणों की जानकारी दी और कहा कि वह इस परेशानी को जल्द से जल्द ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने असुविधा के लिए यूज़र्स से माफी भी मांगी है। डिजिटल पेमेंट की बढ़ती डिमांड के साथ सिस्टम पर लोड भी लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में जरूरी है कि टेक्नोलॉजी को और मजबूत बनाया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की परेशानी से बचा जा सके।
NPCI का दावा है कि UPI का मंथली अपटाइम 99% से ज्यादा रहता है, लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर UPI सिर्फ 1 घंटे के लिए भी बंद हो जाए तो इसका असर करीब 4 करोड़ ट्रांजेक्शन पर पड़ता है। मार्च 2025 में हर दिन औसतन 59 करोड़ UPI ट्रांजेक्शन हुए हैं, लेकिन 26 मार्च को जब सेवा ठप हुई, उस दिन सिर्फ 55 करोड़ ट्रांजेक्शन ही हो पाए, जो एक दिन पहले से करीब 7% कम थे।
क्या UPI पर लग सकता है चार्ज?
पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर यह अनुरोध किया है कि ‘जीरो MDR पॉलिसी’ पर दोबारा सोचा जाए। उनका प्रस्ताव है कि UPI और RuPay कार्ड ट्रांजेक्शन पर 0.3% तक चार्ज लिया जाए, लेकिन ये पैसे सिर्फ बड़े व्यापारियों पर लागू हो, छोटे दुकानदारों को इससे राहत मिले