Deepseek ने हाल ही में एक जनरेटिव AI मॉडल लॉन्च किया है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह ChatGPT और Google के बार्ड जैसी अमेरिकी कंपनियों से ज्यादा तेज है।
DeepSeek AI: चीन की AI कंपनी DeepSeek ने ग्लोबल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हलचल मचा दी है। DeepSeek ने न केवल अमेरिकी शेयर बाजार को हिलाकर रख दिया है, बल्कि अमेरिका और चीन के बीच टेक्नोलॉजी वर्चस्व की दौड़ को और भी तेज कर दिया है। DeepSeek तेजी से बढ़ती AI कंपनियों में से एक है। यह कंपनी नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, जेनरेटिव AI और डेटा इंटेलिजेंस के क्षेत्र में काम करती है।
DeepSeek का चीनी सरकार को समर्थन
2019 में कंपनी की स्थापना बीजिंग में हुई थी। इसे चीनी सरकार का सीधा समर्थन प्राप्त है। DeepSeek की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल रक्षा, साइबर सुरक्षा और आर्थिक खुफिया जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में किया जा रहा है। कंपनी ऑटोनॉमस सिस्टम्स और डेटा मॉडलिंग में अग्रणी बनकर उभरी है।
DeepSeek को डीप स्टेट के खिलाफ चुनौतीपूर्ण ताकत
Microsoft, Google, Meta और Nvidia जैसी अमेरिकी कंपनियों को अक्सर डीप स्टेट का रिप्रसेन्टेटिव माना जाता है। डीप स्टेट उन संगठनों और कंपनियों को कहा जाता है जो अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिकी राजनीतिक और सैन्य निर्णयों को कंट्रोल करते हैं। चीन के DeepSeek को अब अमेरिका के डीप स्टेट के खिलाफ एक चुनौतीपूर्ण ताकत के रूप में देखा जा रहा है। DeepSeek के नए AI मॉडल ने अमेरिकी टेक्नोलॉजी वर्चस्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं। DeepSeek की वजह से अमेरिकी कंपनियों को शेयर मार्केट में करीब 1,000 अरब डॉलर का लॉस हुआ है। Microsoft, Google और Nvidia जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई।
डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती
डोनाल्ड ट्रंप ने AI में 500 बिलियन डॉलर के इनवेस्ट की घोषणा की थी। वहीं, शपथ लेने के बाद ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका AI की दौड़ में सबसे आगे रहेगा, लेकिन Deep Seek की इतनी डिमांड होने से ट्रंप प्रशासन की रणनीतियों पर सवाल उठने लगे हैं। इसे चीन का स्पुतनिक मोमेंट कहा जा रहा है, जब उसने पहली बार अंतरिक्ष की दौड़ में अमेरिका को पीछे छोड़ा।