Sam Altman Google: OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने हाल ही में स्वीकार किया है कि AI की रेस में उनकी कंपनी Google से बुरी तरह पिछड़ सकती थी। उन्होंने कहा कि अगर Google ने 2023 में OpenAI को गंभीरता से लिया होता, तो OpenAI आज जिस मुकाम पर है, वहां शायद नहीं पहुंच पाता।
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Google की ताकत ही बनी उसकी कमजोरी
सैम ऑल्टमैन का मानना है कि Google के पास टेक इंडस्ट्री का सबसे मजबूत बिजनेस मॉडल है, लेकिन यही मजबूती उसके लिए रुकावट भी बन गई। Google का पूरा फोकस सर्च और विज्ञापन से कमाई पर रहा, जिसकी वजह से वह AI में बड़ा बदलाव नहीं कर पाया। ऑल्टमैन के मुताबिक, Google AI को सिर्फ सर्च में जोड़ने की कोशिश कर रहा है, जबकि AI की असली ताकत तब सामने आएगी जब पूरे प्रोडक्ट को नए सिरे से डिजाइन किया जाए।
AI का भविष्य सिर्फ फीचर नहीं, पूरा बदलाव है
ऑल्टमैन का कहना है कि आज कई ऐप्स AI से मैसेज का सार बनाते हैं या जवाब ड्राफ्ट करते हैं, लेकिन यह भविष्य नहीं है। असल भविष्य ऐसे ऑटोनॉमस AI एजेंट्स का है, जो इंसानों की तरह खुद से काम करें, बातचीत करे और फैसले लें। उनके अनुसार, AI को पुराने सिस्टम में जोड़ने से उसकी पूरी क्षमता सामने नहीं आती।
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OpenAI इस वक्त कहां खड़ा है?
बता दें कि OpenAI ने हाल ही में ChatGPT 5.2 लॉन्च किया है और अपने इमेज जनरेशन मॉडल को भी काफी बेहतर बनाया है। फिलहाल, AI रेस में Google आगे माना जा रहा है, लेकिन OpenAI तेजी से अंतर कम कर रहा है। इसके साथ ही Perplexity, Anthropic जैसी कंपनियां भी 2026 तक AI की इस लड़ाई को और दिलचस्प बना सकती हैं।
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अभी भी जारी है ‘कोड रेड’
OpenAI में ‘कोड रेड’ की स्थिति अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि हालात जल्द ही सामान्य हो सकते हैं।
