Stock Marke: शेयर बाजार ने गुरुवार को जबरदस्त तेजी के साथ नई ऊंचाइयों को छुआ। लेकिन रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंचते ही माहौल अचानक बदल गया। शुरुआती रफ्तार को देख थोड़ी देर के लिए निवेशकों के लिए उत्साह भरा रहा। Nifty- Sensex दोनों ने नया रिकॉर्ड स्तर छू लिया। हालांकि रिकार्ड ऊंचाईयों के छूने के बाद कुछ ही देर में डेंजर जोन में भी पहुंच गया। बाद में फिर से बढ़त बनाई लेकिन उस रिकार्ड को नहीं छू सकी जिसका निवेशक इंतजार कर रहे थे। आखिर वो कौन सी वजहें थीं, जिन्होंने इंडेक्स को रिकॉर्ड हाई से नीचे खींच लिया? आइए क्रमवार समझते हैं कि बाजार की इस अचानक ठहर गई रैली के पीछे क्या-क्या संकेत छिपे हैं।
रिकॉर्ड हाई के बाद बाजार क्यों फिसला? जानिए किन 5 बड़ी वजहों ने सेंसेक्स–निफ्टी की रफ्तार रोकी और निवेशकों का मूड बदल दिया।
1. उच्चतम पर तेज मुनाफावसूली का दबाव
दिन की धमाकेदार शुरुआत के बाद जैसे ही इंडेक्स रिकॉर्ड हाई पर पहुंचे, ट्रेडरों ने एकदम फुर्ती से मुनाफावसूली शुरू कर दी। अगले हफ्ते होने वाली RBI की पॉलिसी मीटिंग और अमेरिका की टैरिफ डील को लेकर बना संशय निवेशकों को पहले से ही सतर्क बनाए हुए था। निचले स्तरों पर खरीदारी की रणनीति जारी थी, जिससे ऊपरी स्तरों पर बिकवाली और तेज दिखाई दी। नतीजा यह हुआ कि शुरुआती उछाल के बाद लगभग सभी सेक्टर दबाव में आ गए, सिवाय बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक्स के, जिन्होंने कुछ हद तक मजबूती बनाए रखी।
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2. डेरिवेटिव्स एक्सपायरी का झटका
मासिक डेरिवेटिव्स एक्सपायरी होने की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव और बढ़ गया। एक्सपायरी के दिन आमतौर पर वॉल्यूम बढ़ते ही हैं और क्लोजिंग के पास बाजार अचानक तेज मूवमेंट दिखाता है। आज भी ठीक वैसा ही माहौल रहा और इंडेक्स बार–बार दिशा बदलते नज़र आए।
3. टेक्निकल संकेतों ने भी रैली को रोका
टेक्निकल चार्ट भी तेज बढ़त के पक्ष में नहीं थे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाज़ार की संरचना मजबूत जरूर है, लेकिन छोटी अवधि में तेजी सीमित हो सकती है। Mehta Equities के प्रशांत तापसे ने साफ कहा कि मौजूदा स्तर पर नए सौदों की बजाय मुनाफावसूली करना ज्यादा बेहतर विकल्प है।मार्केट एक्सपर्ट आशीष बहेती ने भी 26100 के स्टॉप लॉस की सलाह दी थी, जो इस बात का संकेत है कि बाजार अभी अलर्ट मोड में है और आक्रामक खरीदारी जोखिम भरी हो सकती है।
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4. मिडकैप–स्मॉलकैप का दबाव इंडेक्स पर भारी
भले ही निफ्टी और सेंसेक्स रिकॉर्ड बनाते दिखे, लेकिन बाजार की असली तस्वीर मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने दिखा दी। कई छोटे शेयर अभी भी सुधार या संवेदनशील ज़ोन में हैं। तापसे के अनुसार, जब तक कंपनियों की कमाई, वैश्विक परिस्थितियां और घरेलू भागीदारी में स्थिरता नहीं आती, तब तक व्यापक रैली की संभावना कम है। यही वजह है कि इंडेक्स में दिखी शुरुआती रौनक टिक नहीं पाई और बाजार फिसल गया।
5. रुपये की कमजोरी ने बढ़ाया दबाव
भारतीय रुपया लगातार कमजोर होकर रिकॉर्ड निचले स्तरों के करीब पहुंच गया है। कमजोर मुद्रा विदेशी निवेशकों का भरोसा घटाती है और घरेलू बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर डालती है। इस वजह से भी बाजार का मूड बिगड़ता दिखा।
आनेवाले दिनों में बाजार का संकेत
SBI Securities के Sudeep Shah की माने तो निफ्टी के लिए 26250–26300 का स्तर अभी एक बड़ा रेजिस्टेंस है। अगर इंडेक्स इसे मजबूती से पार कर लेता है तो 26500 और उसके बाद 26800 तक की रैली देखने को मिल सकती है। वहीं नीचे की ओर 26100–26050 का स्तर मजबूत सपोर्ट बना हुआ है। जब तक बाजार इन स्तरों को स्पष्ट रूप से नहीं तोड़ता या पार नहीं करता, तब तक निवेशकों के लिए सावधानी के साथ ट्रेड करना ही उचित होगा और अनावश्यक तेजी का पीछा करने से बचना चाहिए।
