HoloAvatar: एक ऐसी नई ऐप जो अब लोगों को अपने गुजर चुके परिवार, नाते-रिश्तेदारों का डिजिटल अवतार बनाने की सुविधा दे रही है। यानी उन मृत आत्माओं से सीधे साक्षात्कार होना। इस ऐप के जरिए तैयार किया गया HoloAvatar देखने के बाद बिल्कुल असली दिखाई देता है। बस, आपके पास कुछ मिनटों का वीडियो फुटेज उपलब्ध होना चाहिए। यह उसी व्यक्ति की आवाज़ और बोलने के अंदाज को भी हुबहू उतार देता है। कंपनी की ओर से दावा किया जा रहा है कि अगर आपके पास उस व्यक्ति का सिर्फ तीन मिनट का वीडियो फुटेज है, तो ऐप उसके आधार पर इंटरैक्टिव अवतार तैयार कर सकता है।
इस AI ऐप के जरिए अपने परलोक गए हुए प्रियजनों से भी कर सकेंगे बातचीत, कानूनी और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सवालों और तकनीकी सीमाओं को जानें।
किसने किया है इसे तैयार
2Wai का निर्माण एक स्टार्टअप ने किया है, जिसके को-फाउंडर्स में अभिनेता Calum Worthy और प्रोड्यूसर Russell Geyser का नाम शामिल हैं। उनके अनुसार, इस ऐप का स्लोगन है: “What if the loved ones we’ve lost could be part of our future?” यानी अगर हमारे खोए हुए प्रियजन हमारे भविष्य का हिस्सा बन सकते तो क्या होता।
चंद मिनटों में बना देगा डिजिटल अवतार
अगर आपके मन भी इसको लेकर जिज्ञासा उठ रही है तो हम बताते हैं कि कैसे इसे तैयरा कर सकते हैं। इस ऐप का इस्तेमाल करना बेहद ही आसान है। आप जिन नाते-रिश्तेदारों का डिजिटल अवतार वीडियों बनना चाहते हैं तो पहले उनका कुछ मिनट का वीडियों अपलोड करना होता है। इसके बाद ऐप का AI इंजन वीडियो, ऑडियो और टेक्स्ट इनपुट का विश्लेषण कर एक शानदार अवतार तैयार करता है यह अवतार 40 से अधिक भाषाओं में बातचीत कर सकता है। करीब-करीब लाइव जैसी प्रतिक्रियाएं भी देता है। ऐप FedBrain नाम की ऑन-डिवाइस प्रोसेसिंग का उपयोग करता है। इसका मतलब है कि यूजर का डेटा फोन से बाहर नहीं जाता और AI के गलत जवाब या hallucinations की संभावना कम होती है। फिलहाल, ऐप का iOS वर्जन बीटा में है जबकि Android वर्जन जल्द लॉन्च होने की संभावना है। अभी यह फ्री है, लेकिन भविष्य में सब्सक्रिप्शन मॉडल लागू किया जाएगा।
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सोशल मीडिया पर क्यों हो रहा है वायरल
इस तकनीक को आप सिर्फ तकनीक मत समझिए भावनाओं और स्मतियों का जीता जागता मिसाल है। इस तरह के भावनात्मक क्षण दुनियांभर में पहुंचने में देर नहीं करती है। यही वजह है कि इस ऐप का दुनिया भर में चर्चा में है। इसका प्रमोशनल वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। वीडियो में दिखाया गया है कि एक गर्भवती महिला अपनी मृत्युलोक को जा चुकी दादी के डिजिटल अवतार से सलाह लेती है और कई साल बाद वही महिला का बेटा भी उसी अवतार से बात करता है। यह कहानी कई लोगों को भावुक कर रही है और लाखों व्यूज हासिल कर चुकी है।
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क्या बदल देंगे हमारी भावनाओं की दुनिया?
इस ऐप के आने के बाद कई विवाद भी शुरू हो गए हैं। क्योंकि यह मौत और शोक जैसे संवेदनशील विषयों से जुड़ा है, कई लोग इसे अजीब मान रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या AI को इतना आगे बढ़ाना सही है कि वह किसी मृत चुके व्यक्ति के नाम पर बात कर सके। क्या यह लोगों की भावनाओं को भ्रमित नहीं करेगा। अगर ऐसा हुआ तो हमारी भावनाओं की दुनियां को ही बदलकर रख देगा।
मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर असर
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि इससे लोक शोक से बाहर नहीं निकल पाएंगें। उनकी यादें झकझोर कर रख देगी। एकबार यादें ताजा हो जाए तो फिर बड़ी आसानी से उसे भूलाना असंभव है। वहीं, दुसरी ओर सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि क्या जिस व्यक्ति का अवतार बनाया जा रहा है, उसने जीवन में इसकी अनुमति दी थी? सवाल है कि क्या यह नैतिक रूप से सही है?
