RBI Digital Currency: भारत जल्द ही सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला है, जिसे RBI की गारंटी प्राप्त होगी। यह कदम देश के वित्तीय तंत्र में Blockchain टेक्नोलॉजी को शामिल करने की दिशा में एक बड़ा बदलाव है।
भारत जल्द अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला है, जिसे RBI की गारंटी मिलेगी। इसका मकसद लेनदेन को तेज, सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है, जबकि निजी क्रिप्टो पर कड़ी निगरानी रहेगी।
डिजिटल करेंसी के लाभ
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने कहा कि इस डिजिटल करेंसी का मकसद लेनदेन को तेज, सुरक्षित और ट्रांसपेरेंट बनाना है। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली अमेरिका में Stablecoins की तरह काम करेगी और पूरी तरह से सरकारी समर्थन में होगी। इस डिजिटल मुद्रा में हर लेनदेन को सत्यापित किया जा सकेगा, जिससे अवैध और अनट्रेसेबल ट्रांसफर पर रोक लगेगी।
भारत का क्रिप्टो रुख
भारत में क्रिप्टो उपयोग बहुत अधिक है, लेकिन सरकार और RBI निजी डिजिटल मुद्राओं जैसे Bitcoin के प्रति अलर्ट हैं। पियूष गोयल ने स्पष्ट किया कि हम ऐसी Cryptocurrency को प्रोत्साहित नहीं करते जिनके पास संप्रभु या परिसंपत्ति समर्थन न हो। RBI ने कई बार चेतावनी दी है कि बिना नियमों वाली डिजिटल संपत्तियां वित्तीय प्रणाली के लिए खतरा हैं और निवेशकों की सुरक्षा पर असर डाल सकती हैं।
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कड़ी निगरानी और नियम
RBI अपनी CBDC को एक नियंत्रित और सुरक्षित विकल्प के रूप में बढ़ावा दे रहा है। हाल के महीनों में भारत ने क्रिप्टो गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण बढ़ाया है। इसमें क्रिप्टो ट्रेडिंग या ट्रांसफर पर 30% टैक्स और उच्च लेनदेन पर 1% TDS शामिल है।
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सरकार फिलहाल क्रिप्टो को पूरी तरह से रेगुलेट करने की योजना नहीं बना रही है, बल्कि इसे सख्त टैक्स और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने वाले नियमों में रख रही है। इस बीच कई उपयोगकर्ताओं के बैंक खाते पीयर-टू-पीयर क्रिप्टो लेनदेन में जांच के कारण फ्रीज किए जा चुके हैं।