Mark Zuckerberg AI : Meta के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने हाल ही में AI-ड्रिवन मार्केट बबल की संभावना को स्वीकार किया है। उन्होंने इसे 1990 के दशक के डॉट-कॉम बबल और 1800 के दशक की रेलमार्ग उन्माद से जोड़ा। जुकरबर्ग ने कहा कि AI में तेजी से निवेश एक तनावपूर्ण वातावरण बना सकता है, लेकिन निवेश न करना और भी ज्यादा जोखिमपूर्ण हो सकता है।
Meta के CEO ने AI मार्केट बबल और सुपरइंटेलिजेंस पर अपनी राय दी। उनका कहना है कि सही समय पर निवेश और तैयारी करना कंपनियों के लिए अहम है।
इतिहास से सीख
जुकरबर्ग ने बताया कि अतीत में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और अत्यधिक निवेश अक्सर बबल में बदलकर वित्तीय संकट में परिणत हुए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर AI मॉडल की क्षमता साल दर साल बढ़ती रहे और मांग लगातार बनी रहे तो शायद बबल के बावजूद कोई बड़ा नुकसान न हो।
READ MORE: नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत इस दिन पेश करेगा AI सुरक्षा फ्रेमवर्क
अत्यधिक निवेश बनाम पीछे रह जाना
जुकरबर्ग ने जोर देकर कहा कि AI में पीछे रह जाना यानी धीमी गति से निवेश करना, अत्यधिक निवेश करने से कहीं ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने कहा अगर हम कुछ सौ अरब डॉलर का गलत निवेश कर दें तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा, लेकिन अगर हम समय पर निवेश नहीं करते तो जोखिम कहीं ज्यादा बढ़ जाएगा।
सुपरइंटेलिजेंस की तैयारी
जुकरबर्ग ने चेताया कि अगर सुपरइंटेलिजेंस केवल तीन साल में संभव है, लेकिन कंपनियां इसे पांच साल में आने की योजना बनाकर तैयार हों, तो वे इस सबसे महत्वपूर्ण तकनीक के लिए तैयार नहीं होंगी।
READ MORE: Google और PayPal ने की डील, AI से बदलेंगे ऑनलाइन पेमेंट्स के नियम
Meta की पहल
Meta पहले ही घोषणा कर चुका है कि वह 2028 तक अमेरिका में डेटा सेंटर और AI इंफ्रास्ट्रक्चर में कम से कम 600 बिलियन डॉलर निवेश करेगा। इसके साथ ही कंपनी ने सुपरइंटेलिजेंस लैब लॉन्च की है और शीर्ष शोधकर्ताओं को भर्ती करने की योजना बनाई है।