Crypto Exchange India: भारत में लगातार सामने आ रहे क्रिप्टो फ्रॉड और हैकिंग मामलों को देखते हुए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब भारत में क्रिप्टो एक्सचेंज, कस्टोडियन और अन्य इंटरमीडिएटरी प्लेटफार्मों के लिए FIU रजिस्ट्रेशन के तहत साइबर सिक्योरिटी ऑडिट करवाना अनिवार्य होगा। इस कदम को भारतीय क्रिप्टो कम्युनिटी ने स्वागत किया है, क्योंकि इससे ट्रेडर्स को लीगल इम्युनिटी और सुरक्षा का भरोसा मिलेगा।
भारत सरकार ने क्रिप्टो एक्सचेंज के FIU रजिस्ट्रेशन के लिए साइबर सिक्योरिटी ऑडिट अनिवार्य किया, बढ़ेगा निवेशकों का भरोसा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह ऑडिट केवल Indian Computer Emergency Response Team (Cert-In) से मान्यता प्राप्त सिक्योरिटी ऑडिटर द्वारा ही मान्य होगा। Cert-In इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है और भारत में साइबर सिक्योरिटी से जुड़े मामलों की निगरानी करती है। वर्तमान में भारत में 47 क्रिप्टो एक्सचेंज FIU के तहत रजिस्टर हैं।
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इस निर्णय के पीछे का मुख्य कारण भारत में क्रिप्टो स्पेस की तेज़ ग्रोथ और बढ़ते फ्रॉड मामलों को नियंत्रित करना है। हाल ही में WazirX और CoinDCX जैसे बड़े एक्सचेंज साइबर अटैक का शिकार हुए हैं, और प्रभावित यूज़र्स अब तक फंड की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। Chainalysis और MEXC की रिपोर्ट के अनुसार भारत में क्रिप्टो एडॉप्शन तो तेज़ है, लेकिन फ्रॉड के मामले भी काफी हैं।
सरकार का यह कदम यूज़र्स के विश्वास को बढ़ाएगा और क्रिप्टो ट्रेडिंग को सुरक्षित बनाएगा। इसके अलावा एक्सचेंजों को अपनी सिक्योरिटी मजबूत करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत में क्रिप्टो एडॉप्शन को और तेज़ कर सकता है और भविष्य में फ्रॉड की घटनाओं को कम करेगा।
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हालांकि, इसके साथ ही भारत में एक ठोस क्रिप्टो फ्रेमवर्क और SEBI जैसी डेडिकेटेड क्रिप्टो संस्था की भी आवश्यकता है, ताकि ब्लॉकचेन और डिसेंट्रलाइजेशन जैसी इनोवेशन गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जा सके।