Gmail और WhatsApp के द्वारा अब कोई भी सरकारी कॉन्फिडेंशियल और रिस्ट्रिक्टेड जैसे मैसेज शेयर नहीं किए जा सकेंगे।
Gmail and WhatsApp Banned : जम्मू-कश्मीर सरकार ने संवेदनशील सरकारी दस्तावेजों को शेयर करने के लिए WhatsApp और Gmail जैसे थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। यह निर्देश सामान्य प्रशासन विभाग ने शनिवार को जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि इन प्लेटफॉर्म के जरिए डेटा लीक और सुरक्षा उल्लंघन का खतरा बढ़ सकता है। WhatsApp और Gmail जैसे टूल संवेदनशील या गोपनीय डेटा को प्रबंधित करने के लिए डिजाइन नहीं किए गए हैं। उनकी सुरक्षा प्रणाली सरकारी संचार के लिए आवश्यक कड़े मानकों को पूरा नहीं करती है।
क्या है इम्पोर्टेंट प्वाइंट
अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल की बढ़ती डिमांड प्रशासन के जानकारी में आई है। यह डिमांड इम्पोर्टेंट सूचनाओं की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा पैदा करती है।
थर्ड पार्टी टूल्स के जरिए संवेदनशील, गुप्त और गोपनीय सूचनाओं को शेयर करने से कई संभावित समस्याएं हो सकती है। जैसे कि अनधिकृत पहुंच, डेटा लीक और सुरक्षा उल्लंघन शामिल है। इससे सरकारी कार्यों की अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
संवेदनशील जानकारी को चार कैटेगरी में बांटा गया है
- टॉप सीक्रेट
- सीक्रेट
- कॉन्फिडेंशियल
- रिस्ट्रिक्टेड
टॉप सीक्रेट और सीक्रेट दस्तावेज इंटरनेट पर शेयर नहीं किए जाएंगे। यह जानकारी केवल SAG-ग्रेड एन्क्रिप्शन लागू किए गए बंद नेटवर्क के माध्यम से शेयर की जा जाएगी। कॉन्फिडेंशियल और रिस्ट्रिक्टेड जानकारी इंटरनेट पर तभी शेयर की जाएगी जब नेटवर्क में AES 256-बिट एन्क्रिप्शन लागू हो।
सरकार ने सलाह दी है कि गोपनीय और सीमित सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सरकारी ईमेल सेवाओं या सरकारी इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का ही इस्तेमाल किया जाए। इनमें सी-डैक का संवाद, एनआईसी का संदेश आदि शामिल है। ई-ऑफिस प्रणाली के संबंध में विभागों को उचित फायरवॉल और व्हाइटलिस्टेड आईपी एड्रेस का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है।
आदेश में यह भी कहा गया है
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए टॉप सीक्रेट और सीक्रेट जानकारी शेयर करना सख्त मना है। घर से काम करने वाले अधिकारियों को सुरक्षा-संगत डिवाइस जैसे कि लैपटॉप, डेस्कटॉप का उपयोग करने और वीपीएन और फायरवॉल के माध्यम से कार्यालय सर्वर से कनेक्ट करने का निर्देश दिया गया है। घर से काम करते समय टॉप सीक्रेट और सीक्रेट जानकारी शेयर नहीं की जाएगी। गोपनीय मुद्दों पर चर्चा करते समय डिजिटल असिस्टेंट डिवाइस जैसे Amazon Echo, Apple HomePod, Google, आदि को कार्यालय से दूर रखने का निर्देश हैं।