कोर्स में हर प्रतिभागी Nagent AI के Playground पर काम करेगा और खुद एक ऐसा AI एजेंट बनाएगा जिसे तुरंत यूज किया जा सकेगा।
IIT Mandi And Nagent AI Course: IIT मंडी का टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब और Nagent AI मिलकर एक नया हाइब्रिड नो-कोड AI एजेंट बिल्डिंग प्रोग्राम शुरू कर रहे हैं। यह खासतौर पर उन कामकाजी प्रोफेशनल्स के लिए है जो बिना कोडिंग सीखे या बिना रिसर्च किए खुद का AI एजेंट बनाना और लॉन्च करना चाहते हैं। इस प्रोग्राम में TIH की पढ़ाई और Nagent AI के आसान टूल्स का कॉम्बिनेशन मिलेगा।
सिर्फ 30 लोगों के लिए है 23 घंटे का कोर्स
यह कोर्स सिर्फ 23 घंटे का होगा जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों शामिल हैं। बता दें कि रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 30 अगस्त है। कोर्स में हर प्रतिभागी Nagent AI के Playground पर काम करेगा और खुद एक ऐसा AI एजेंट बनाएगा जिसे तुरंत यूज किया जा सकेगा।
TIH के सीईओ का बयान
IIT मंडी TIH के सीईओ सोमजीत अमृत ने कहा है कि यह प्रोग्राम सिर्फ रियल और काम आने वाली स्किल्स सिखाएगा। हम दिखाना चाहते हैं कि इंसान और AI एजेंट मिलकर कैसे असली काम कर सकते हैं। इस कोर्स का सिलेबस IIT मंडी TIH के प्रोफेसर और Nagent AI के एक्सपर्ट्स ने मिलकर बनाया है।
कोर्स में क्या-क्या सीखेंगे स्टूडेंट्स
इस कोर्स में आपको एजेंट अर्केस्ट्रेसन, मल्टी-एजेंट कोलैबोरेशन, एजेंटिक प्रॉम्प्टिंग और नो कोड RAG पाइपलाइन की मदद से अपना डेटा जोड़ना सिखाया जाएगा। कोर्स के आखिरी में बनने वाले प्रोजेक्ट्स को इंडस्ट्री के जाने-माने लोग जैसे प्रताप बेहेरा, सेंथिलराज कलैमणि, सिद्धार्थ कनुंगो और अन्मोल गुप्ता मेंटोर करेंगे।
Nagent AI के को-फाउंडर का बयान
Nagent AI के को-फाउंडर और सीईओ प्रताप बेहेरा ने कहा है कि यह प्रोग्राम किसी भी प्रोफेशनल को सिर्फ कुछ दिनों में पावरफुल AI एजेंट बनाने और लॉन्च करने की ताकत देगा जिससे अलग-अलग सेक्टर में AI अपनाना और आसान हो जाएगा।
कोर्स पूरा करने के बाद प्रतिभागी Nagent AI कम्युनिटी के साथ बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर सकते हैं। जो प्रोजेक्ट सबसे अच्छे होंगे उन्हें iHub के Call for Innovation के तहत 1 करोड़ तक की फंडिंग भी मिल सकती है।
READ MORE: OpenAI ने लॉन्च किया GPT-5, शुरू हुआ इसका इस्तेमाल
खुशखबरी! भारत में आया AI ट्रैफिक सिग्नल, जानें क्या होंगे इसके फायदें
भारत के AI मिशन के तहत
यह प्रोग्राम भारत के AI for All मिशन के तहत हेल्थकेयर, सप्लाई चेन और कस्टमर सर्विस जैसे क्षेत्रों में मदद कर सकता है। इसका लक्ष्य 6–12 महीने लगने वाली AI ट्रेनिंग को कुछ हफ्तों में पूरा करना है ताकि कंपनियां जल्दी रिजल्ट पा सकें।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नो-कोड AI प्लेटफॉर्म का मार्केट 2024 में 4.9 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2029 में 24.8 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।