WhatsApp में सुरक्षा खामियां और Meta के नियमों का उल्लंघन, पूर्व कर्मचारी अटाउल्लाह बैग ने कोर्ट में उठाए गंभीर सवाल।
Meta WhatsApp Security: Meta हाल ही में एक नए विवाद के घेरे में आ गई है। इसे अमेरिकी कोर्ट में WhatsApp के पूर्व सुरक्षा प्रमुख अटाउल्लाह बैग ने केस के जरिए लाया। बैग का आरोप है कि कंपनी ने गंभीर सुरक्षा और प्राइवेसी खतरों की अनदेखी की है। उनके मुताबिक, WhatsApp के हजारों कर्मचारी संवेदनशील यूजर डेटा बिना किसी रोक-टोक के पहुंच रखते थे। बैग ने दावा किया कि Meta ने व्यापक अकाउंट हैकिंग की घटनाओं पर ध्यान नहीं दिया और उनके सुझावों को गंभीरता से नहीं लिया।
Meta के उच्च अधिकारियों को चेतावनी दी
बैग ने बताया कि उन्होंने बार-बार Meta के उच्च अधिकारियों को चेतावनी दी कि लोग वास्तविक खतरे में हैं लेकिन इसके बावजूद उनके मैनेजरों ने विरोध किया और फरवरी में उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। बैग ने एफटीसी और एसईसी को भी बताया कि Meta ने 2019 के प्राइवेसी समझौते का उल्लंघन किया और साइबर सुरक्षा जोखिमों की जानकारी निवेशकों तक नहीं पहुंचाई। Meta ने उनके आरोपों को झूठा बताया और कहा कि बैग को प्रदर्शन कमजोर होने के कारण निकाला गया।
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WhatsApp अकाउंट हैक हो रहे थे
बैग के मुकदमे में यह भी दावा किया गया कि WhatsApp में बड़े सुरक्षा दोष मौजूद थे। उनका कहना है कि हर दिन 1 लाख से अधिक अकाउंट हैक किए जा रहे थे लेकिन कंपनी ने बेहतर सुरक्षा उपाय लागू नहीं किए। बैग ने Meta पर एफटीसी समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया जिसमें कंपनी को बेहतर प्राइवेसी सुरक्षा और ऑडिट की जिम्मेदारी दी गई थी।
यह मामला Meta में लगातार सामने आने वाले व्हिसलब्लोअर शिकायतों की सीरीज में नया है। पिछले सालों में कई पूर्व कर्मचारियों ने दावा किया कि कंपनी ने बच्चों और किशोरों के नुकसान के सबूतों की अनदेखी की, रिसर्च को गलत तरीके से पेश किया और प्लेटफॉर्म के खतरों को कम करके दिखाया। फ्रांसिस हौगेन और अन्य कर्मचारियों ने हजारों इंटरनल दस्तावेज नियामकों को दिए। अमेरिकी कांग्रेस भी Meta के वर्चुअल रियलिटी प्रोडक्ट्स में बच्चों की सुरक्षा के मुद्दों पर सक्रिय है।
Meta ने सभी आरोपों का किया खंडन
Meta ने बैग के आरोपों का जोरदार खंडन किया। WhatsApp प्रवक्ता ने कहा कि उनके सुरक्षा उपायों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है और यह पूर्व कर्मचारियों की नाराजगी का नतीजा है। कंपनी ने प्राइवेसी को गंभीरता से लेने और सुरक्षित एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन प्रदान करने पर जोर दिया। मेटा ने कहा कि वह हमेशा नियामक समझौतों का पालन करती है और सुरक्षा में लगातार भारी निवेश करती है।
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फिर भी, यह मुकदमा Meta के लिए एक और चुनौती बन गया है। कंपनी पहले ही प्राइवेसी उल्लंघनों के कारण अरबों डॉलर का जुर्माना चुका चुकी है जिसमें 2019 का एफटीसी समझौता और कैम्ब्रिज एनालिटिका कांड शामिल हैं। हालांकि, करीब 3 बिलियन WhatsApp यूजर्स अभी भी एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित संवाद कर रहे हैं लेकिन हालिया मामला सवाल उठाता है कि क्या Meta सचमुच अपने यूजर डेटा की सुरक्षा की प्रतिबद्धता निभा रही है।