AI के आने के बाद से नौकरियां जाने का खतरा काफी बढ़ गया है। अब मार्क जुकरबर्ग ने दावा किया है कि कई कंपनियां अब कोडिंग का काम AI से करवाने पर विचार कर रही हैं।
Mark Zuckerberg : टेक की दुनिया में AI आने के बाद से इंसानों की नौकरियां जाने का खतरा बढ़ गया है। हाल के दिनों में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां AI ने इंसानों की जगह ले ली है। अब Meta और दूसरी कंपनियों में भी लोगों को इसका डर सता रहा है। दरअसल, Meta के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग ने बड़ा दावा किया है कि 2025 में कई बड़ी कंपनियों में कोडिंग समेत कई काम AI करने लगेंगे। जुकरबर्ग के इस दावे के बाद ये साफ है कि अगर ऐसा होता है तो इससे इंजीनियरों की नौकरियां दांव पर लग जाएंगी।
मिड-लेवल इंजीनियर्स का काम करेगी AI
जुकरबर्ग ने कहा है कि आने वाले समय में AI मिड-लेवल इंजीनियर्स का काम करेगा। 2025 में Meta और दूसरी कंपनियां ऐसी AI बनाएंगी जो कंपनी में कोड लिखने वाले मिड-लेवल इंजीनियर्स का काम करेगी। शुरुआत में यह महंगा हो सकता है, लेकिन Meta ऐसी स्थिति में पहुंच जाएगा, जहां उसके ऐप्स का कोड लिखने और AI जनरेट करने का काम भी AI ही करेगा
OpenAI के संस्थापक ने भी कही ये बात
आपको बता दें कि मार्क जुकरबर्ग अकेले ऐसे संस्थापक नहीं हैं, जो AI को वर्कफोर्स का हिस्सा बनाने की बात कर रहे हैं। OpenAI के संस्थापक सैम ऑल्टमैन ने भी हाल ही में ऐसी भविष्यवाणी की थी। उन्होंने कहा था कि 2025 में हम पहला AI एजेंट वर्कफोर्स में शामिल होते देख सकते हैं और इससे कंपनियों के आउटपुट में बदलाव आएगा।
AI एजेंट को लेकर चिंता
कैपेबल होते हैं। यह काम निर्णय लेने, किसी समस्या को सुलझाने और किसी अन्य काम को करने की कैपेबिलिटी से जुड़ा हो सकता है। हालांकि, लोगों की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर AI एजेंट के असर को लेकर भी चिंता जताई जा रही है।