यह भारत सरकार के लिए डिजिटल दुनिया के साथ तालमेल रखने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव करने का एक बड़ा अवसर है।
Digital News media and Reliable News.: भारत में डिजिटल न्यूज मीडिया सेक्टर को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बयान मीडिया इंडस्ट्री के लिए राहत भरी है। बता दें कि पिछले कुछ सालों से डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म और बड़ी टेक कंपनियों जैसे Google और Meta के एकाधिकार के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। उनका कहना था कि इन कंपनियों के कारोबारी भारतीय डिजिटल न्यूज इंडस्ट्री के लिए खतरा हैं और इससे बचाने के लिए सख्त नियमों की जरूरत है।
टेक कंपनियों का एकाधिकार
Google और Meta जैसी बड़ी टेक कंपनियों ने लंबे समय से डिजिटल मीडिया स्पेस पर अपना दबदबा कायम रखा है। ये कंपनियां न्यूज पब्लिशर्स द्वारा बनाए गए कंटेंट से भारी रेवेन्यू कमाती हैं, लेकिन बदले में उन्हें उचित भुगतान नहीं करती हैं। न्यूजरूम में निवेश करने वाले और पत्रकारिता के सिद्धांतों का पालन करने वाले भारतीय डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म इस स्थिति का सामना कर रहे हैं। इन कंपनियों का ‘इसे ले लो या छोड़ दो’ वाला रवैया इन प्लेटफॉर्म के लिए समस्याएं पैदा कर रहा है, क्योंकि किसी भी तरह के पारदर्शी राजस्व बंटवारे या बातचीत का कोई अवसर नहीं है।
पिछले कुछ सालों में दुनियाभर में बड़ी टेक कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों ने इन कंपनियों के खिलाफ कदम उठाए हैं। भारत में भी CCI ने इन कंपनियों के तौर-तरीकों की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, इस पर अभी तक कोई विस्तृत रिपोर्ट नहीं आई है।
अश्विनी वैष्णव ने क्या कहा
पिछले 18 महीनों में डिजिटल मीडिया के नियम के मुद्दे पर चर्चा और भी बढ़ गई है। इससे पहले सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने भी बड़ी तकनीकी कंपनियों पर नजर रखने की जरूरत जताई थी। अब अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जिसमें उन्होंने इन कंपनियों की गैर-जिम्मेदारी कार्यप्रणाली पर गंभीरता से विचार किया है। दिखाता है कि सरकार डिजिटल न्यूज मीडिया के सामने आने वाले खतरों को समझ रही है और इस दिशा में कदम उठाने की योजना बना रही है।
समाज के लिए फेक न्यूज और AI बन रहा खतरा
प्रमुख समाचार प्रकाशनों ने हमेशा से ही बढ़ती फर्जी और अनवेरिफाइड खबरों का मुद्दा उठाया है, जो अक्सर इन बड़ी कंपनियों के सर्च इंजन पर दिखाई देती हैं। इन कंपनियों के एल्गोरिदम के कारण कई बार सनसनीखेज और मिसलीडिंग खबरें विश्वसनीय पत्रकारिता से अधिक प्रमुख हो जाती हैं, जो समाज और लोकतंत्र के लिए खतरा है। वहीं, केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने सही समय पर इस मुद्दे को उठाया है।
इसके अलावा, ChatGPT और Gemini जैसे AI टूल्स के उभरने से मीडिया लैंडस्केप में एक नया मोड़ आया है। ये प्लेटफॉर्म भारत की वास्तविकता को वेस्टर्न पर्सपेक्टिव से प्रस्तुत करते हैं, जो भारतीय सामाजिक और राजनीतिक कॉन्टैक्स्ट को विकृत कर सकता है। इस तरह की एआई-जनरेटेड सामग्री का बढ़ता प्रभाव भारत में मीडिया के स्थानीय दृष्टिकोण और स्वायत्तता को नुकसान पहुंचा सकता है।