भारत में Apple के लिए मुश्किल बढ़ सकती है क्योंकि CCI ने कंपनी के खिलाफ चल रही जांच को रोकने से मना कर दिया है।
CCI on Apple : देश में अमेरिकी डिवाइस निर्माता कंपनी Apple की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। CCI ने कॉम्पिटिशन कानून के उल्लंघन के लिए कंपनी के खिलाफ जांच रोकने से इनकार कर दिया है। बता दें कि Apple पर बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने का आरोप है। Reuters की रिपोर्ट में CCI के आंतरिक आदेश के हवाले से कहा गया है कि जांच रिपोर्ट रोकने के Apple के अनुरोध को गलत पाया गया है। CCI, कंपनी और इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता टुगेदर वी फाइट सोसाइटी ने इस संबंध में सवालों के जवाब नहीं दिए हैं। कंपनी को अपने iOS ऑपरेटिंग सिस्टम पर कॉम्पिटिटर्स को दबाने का आरोपी पाया गया था।
डेवलपर्स को 30 फीसदी तक फीस देना पड़ता था
Apple के खिलाफ यह जांच करीब चार साल पहले शुरू की गई थी। यह ऐप बाजार में कंपनी की प्रमुख स्थिति के कथित दुरुपयोग से जुड़ी थी। Apple पर आरोप था कि उसने एप बाजार में अपनी मजबूत स्थिति के कारण डेवलपर्स को अपने मालिकाना हक वाले इन-ऐप खरीदारी सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर किया। इसके लिए डेवलपर्स को 30 फीसदी तक फीस देना पड़ता था। इस साल अगस्त में कंपनी के अनुरोध पर CCI ने उसके सभी राइवल्स से इस जांच की रिपोर्ट लौटाने को कहा था। हालांकि, इस आदेश में यह नहीं बताया गया था कि Apple किस गोपनीय जानकारी को लेकर चिंतित है। मामले से वाकिफ एक सूत्र ने बताया था कि Apple देश में अपने एप स्टोर के रेवेन्यू और बाजार हिस्सेदारी के आंकड़ों के खुलासे को लेकर चिंतित है।
Reuters ने जुलाई में बताया था कि CCI की जांच यूनिट द्वारा 2022 और 2024 में दाखिल की गई दो रिपोर्टों में पाया कि Apple ने अपने iOS ऑपरेटिंग सिस्टम पर एप स्टोर में अपनी प्रमुख बाजार स्थिति का दुरुपयोग किया है।
Tinder, Tinder को रिपोर्ट करने को कहा थ
CCI ने जिन कंपनियों से रिपोर्ट वापस करने को कहा था, उनमें Tinder चलाने वाली Match और Paytm का प्रतिनिधित्व करने वाला स्टार्टअप समूह ADIF शामिल है। Apple ने CCI को दी गई अपनी शिकायत में कहा था कि इस मामले में अपने प्रतिद्वंद्वियों के साथ साझा की गई रिपोर्ट में कंपनी के कारोबार से जुड़ी गोपनीय जानकारी का खुलासा हुआ है इसलिए इस रिपोर्ट को वापस लिया जाना चाहिए।