ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन YouTube को इससे बाहर रखा गया था।
YouTube: Meta और Snap समेत दूसरी कंपनियां YouTube के पीछे पड़ गई हैं। इन कंपनियों ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार से YouTube पर भी बैन लगाने की मांग की है। दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया यूज पर रोक लगा दी थी, लेकिन YouTube को इससे बाहर रखा गया था। ऐसे में अब दूसरी कंपनियों का कहना है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी YouTube पर बैन लगा देना चाहिए।
YouTube को क्यों बैन करवाना चाहती है कंपनियां
TikTok, Facebook और Instagram की पैरेंट कंपनी Meta और Snap आदि का इस मामले में कहना है कि YouTube से बच्चों को दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की तरह ही खतरा है। YouTube बच्चों को एल्गोरिथम कंटेंट रिकमेंडेशन, सोशल इंटरेक्शन फीचर और खतरनाक कंटेंट तक भी पहुंच देता है। इस मामले में Meta का कहना है कि YouTube बच्चों को नुकसानदायक कंटेंट से भी रूबरू कराता है। वहीं, TikTok का कहना है कि YouTube को इस नियम से बाहर रखने से यह कानून असंगत हो गया है। Snap ने भी इस पर अपनी सहमति जताते हुए कहा है कि कानून निष्पक्ष होना चाहिए और बिना किसी भेदभाव के इसका पालन होना चाहिए।
Youtube पर क्यों नहीं लगाई गई थी पाबंदी
ऑस्ट्रेलिया ने नवंबर 2024 में एक नया कानून पारित किया था, जिसके तहत 16 साल से कम उम्र के बच्चे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं जा सकते हैं। वहीं, अगर कोई प्लेटफॉर्म उन्हें लॉग इन करने की इजाजत देता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान है। हालांकि, यह कानून YouTube पर लागू नहीं होता है। इसे एजुकेशनल कंटेंट और पैरेंट्स की निगरानी वाले पारिवारिक अकाउंट के कारण बैन से छूट दी गई है। वहीं, दूसरी कंपनियों के बयानों पर अपना रिएक्शन देते हुए YouTube ने कहा कि वह अपनी कंटेंट मॉडरेशन पॉलिसी को मजबूत कर रहा है और ऑटोमेटेड टूल्स के जरिए हानिकारक कंटेंट की पहचान कर रहा है।