क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट स्कैम’? जानें कैसे इससे करें खुद का बचाव

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क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट स्कैम’? जानें कैसे इससे करें खुद का बचाव
July 12, 2025

डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक ऐसा साइबर फ्रॉड है जिसमें अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी, पुलिस, CBI या ED का सदस्य बताकर आम लोगों को डराते हैं।

What is Digital Arrest Scam: आज के डिजिटल युग में जहां सब कुछ ऑनलाइन हो गया है, वहीं ठगों ने भी अपने तरीके डिजिटल बना लिए हैं। हाल ही में ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें कर्नाटक की एक 40 वर्षीय महिला से 3.16 करोड़ की ठगी कर ली गई। यह ठगी एक नई तरह की धोखाधड़ी ‘डिजिटल अरेस्ट स्कैम’ के तहत की गई।

कैसे हुआ ये फ्रॉड?

महिला को एक कॉल आया जिसमें खुद को नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) का अधिकारी बताया गया। कॉल करने वाले ने कहा कि उसके पति के नाम पर दर्ज सिम कार्ड का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए हो रहा है। इस मामले को “सुलझाने” के लिए महिला को कुछ प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

इसके बाद कई और लोगों ने अलग-अलग समय पर महिला को कॉल किया। एक ने खुद को पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बताया और उसे लगातार डराने-धमकाने का काम किया गया। उन्होंने महिला से उसके पर्सनल और बैंक डिटेल्स मांगे और कहा कि एक बार ‘वेरिफिकेशन’ हो जाए, तो पैसे वापस कर दिए जाएंगे।

10 जून से 27 जून के बीच महिला ने इन जालसाजों को अलग-अलग बैंक खातों में कई बार में कुल 3.16 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब उसने यह बात अपने बच्चों से शेयर की तब जाकर उसे एहसास हुआ कि वह एक बड़े स्कैम का शिकार हो चुकी है।

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क्या है डिजिटल अरेस्ट स्कैम?

डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक ऐसा साइबर फ्रॉड है जिसमें अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी, पुलिस, CBI या ED का सदस्य बताकर आम लोगों को डराते हैं।

यह स्कैम कुछ इस तरह काम करता है

  • पीड़ित को WhatsApp, Skype या अन्य वीडियो कॉलिंग ऐप्स के जरिए कॉल किया जाता है।
  • कॉल करने वाला खुद को किसी सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताता है।
  • वह कहता है कि पीड़ित या उसके परिवार के किसी सदस्य पर गंभीर आरोप लगे हैं।
  • फिर वह डर फैलाता है जैसे कि आप डिजिटल अरेस्ट में हैं या आपके खिलाफ वारंट है।
  • कभी-कभी वे फेक ID कार्ड या फर्जी अरेस्ट वारंट भी दिखाते हैं।
  • फिर वे कहते हैं कि अगर आप आरोपों से बचना चाहते हैं, तो तुरंत पैसे ट्रांसफर करें।
  • वे ये भी दावा करते हैं कि यह प्रक्रिया पूरी होते ही पैसा वापस मिल जाएगा।
  • कई बार AI और एडिटेड वीडियो का इस्तेमाल कर वे पुलिस स्टेशन जैसा माहौल दिखाते हैं।

क्या करें अगर आपको ऐसा कॉल आए?

  • शांत रहें, डरें नहीं।
  • कोई भी पर्सनल या बैंकिंग जानकारी साझा न करें।
  • पुलिस या साइबर सेल में शिकायत करें।
  • 1930 पर कॉल करके साइबर फ्रॉड की रिपोर्ट करें।
  • https://sancharsaathi.gov.in/sfc/पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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