वोडाफोन आइडिया एक बार फिर मुश्किलों से घिरी हुई है। कंपनी ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उसे जल्द मदद नहीं मिली, तो वो अपना ऑपरेशन 2025-26 के बाद बंद कर सकती है।
Vodafone Idea: देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया इन दिनों आर्थिक संकट से गुजर रही है। कंपनी ने केंद्र सरकार से कह दिया है कि अगर जल्द ही कोई मदद नहीं मिली, तो वह वित्त वर्ष 2025-26 के बाद अपनी सर्विस बंद करने पर मजबूर हो सकती है।
क्या है मामला?
वोडाफोन आइडिया पर AGR (Adjusted Gross Revenue) का बकाया काफी समय से लटका हुआ है। कंपनी की हालत इतनी खराब हो गई है कि अब उसके पास खुद को संभालने के लिए संसाधन भी नहीं बचे हैं। दरअसल, कंपनी के CEO अक्षय मूंदड़ा ने 17 अप्रैल 2025 को दूरसंचार विभाग को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘अगर सरकार ने AGR मामले में समय पर सहायता नहीं दी, तो हम अगले साल से काम नहीं कर पाएंगे।‘ यह स्थिति तब है जब कंपनी में सबसे बड़ी हिस्सेदारी खुद भारत सरकार की है लगभग 49 प्रतिशत।
सरकार की हिस्सेदारी, फिर भी संकट क्यों?
सरकार ने पहले वोडाफोन आइडिया की बकाया रकम (AGR और स्पेक्ट्रम फीस) को इक्विटी में बदलकर कंपनी में हिस्सेदारी ले ली थी। इसके बाद सरकार VIL की सबसे बड़ी शेयरधारक बन गई थी। बावजूद इसके, कंपनी को बैंकों से लोन नहीं मिल पा रहा और नए निवेश की योजनाएं रुक गई हैं। कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई है, जिसमें उसने लगभग 30,000 करोड़ रुपये के AGR बकाया को माफ करने की मांग की है। इस याचिका पर 19 मई को सुनवाई हो सकती है।
क्या कहा कंपनी ने?
कंपनी का कहना है कि अगर सरकार से मदद नहीं मिलती और लोन नहीं मिला, तो
- उसका ऑपरेशनल सुधार रुक जाएगा।
- अब तक जुटाई गई रकम जल्द खत्म हो जाएगी। पूरे निवेश चक्र पर ब्रेक लग जाएगा
- यहां तक कि सरकारी हिस्सेदारी की वैल्यू भी गिर जाएगी
- 20 करोड़ यूज़र्स होंगे प्रभावित
VIL ने कहा कि अगर हालात ज्यादा बिगड़ते हैं, तो उसे NCLT (नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल) के पास दिवालिया होने की अर्जी देनी पड़ सकती है। इससे नेटवर्क बाधित हो सकता है, स्पेक्ट्रम जैसी कीमती संपत्तियों का मूल्य गिर सकता है और करीब 20 करोड़ ग्राहक इससे प्रभावित होंगे, जिन्हें मजबूरी में किसी और ऑपरेटर पर जाना होगा।