इस सौदे में कुल 8.9 अरब डॉलर का निवेश किया गया है। इसमें से 5.7 अरब डॉलर चिप्स एंड साइंस एक्ट से और 3.2 अरब डॉलर सिक्योर एन्क्लेव कार्यक्रम से लिए गए हैं।
Intel: अमेरिका सरकार ने चिप बनाने वाली बड़ी कंपनी Intel में 10% हिस्सेदारी खरीद ली है। यह सौदा ट्रंप ने पिछले हफ्ते घोषित किया। अब सरकार Intel की सबसे बड़ी शेयर हॉल्डर में शामिल हो गई है। खास बात यह है कि इस सौदे के लिए नई रकम खर्च नहीं हुई बल्कि पहले से दिए गए ग्रांट्स को शेयर में बदलकर यह निवेश किया गया है। ट्रंप ने अपनी सोशल नेटवर्क साइट Truth Social पर कहा कि अमेरिका ने इन शेयरों के लिए कुछ नहीं चुकाया। यह देश और Intel दोनों के लिए शानदार डील है।
निवेश और सोर्स
इस सौदे में कुल 8.9 अरब डॉलर का निवेश किया गया है। इसमें से 5.7 अरब डॉलर चिप्स एंड साइंस एक्ट से और 3.2 अरब डॉलर सिक्योर एन्क्लेव कार्यक्रम से लिए गए हैं। ट्रंप ने पहले चिप्स एक्ट की आलोचना की थी और इसे खत्म करने की बात भी कही थी। इंटेल ने पहले कहा था कि उसे 2.2 अरब डॉलर मिले हैं और 85 करोड़ डॉलर की प्रतिपूर्ति की मांग लंबित है।
सीईओ पर रुख में बदलाव
Intel के सीईओ लिप-बू टैन पर ट्रंप ने पहले इस्तीफे की मांग की थी क्योंकि उनका चीन से जुड़ा निवेश इतिहास रहा है लेकिन मुलाकात के बाद ट्रंप ने उन्हें Highly Respected CEO कहा और डील का श्रेय भी दिया। टैन ने भी सरकार का भरोसा जताने पर धन्यवाद किया।
क्या है शर्तें और इसका असर
सरकार की हिस्सेदारी पर कोई बोर्ड सीट या संचालन अधिकार नहीं होगा। हालांकि, पांच साल का वारंट दिया गया है जिससे सरकार भविष्य में और 5% हिस्सेदारी ले सकती है अगर Intel अपनी फाउंड्री का 49% से ज्यादा बेचता है। सरकार ने शेयर 20.47 डॉलर प्रति शेयर पर खरीदे जबकि बाजार भाव ज्यादा था। खबर के बाद शेयर 5% से ऊपर चढ़ गए।
READ MORE: टिम कुक ने ट्रंप को क्यों दिया खास गिफ्ट, क्या है आपकी राय?
ट्रंप के चहेते बन गए हैं Jensen Huang, जानें क्यों फीकी पड़ी Musk और Cook की डिमांड
क्या आएंगी चुनौतियां
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि चिप्स अधिनियम अनुदान को इक्विटी में बदलने की अनुमति नहीं देता है, इसलिए इस सौदे को अदालत में चुनौती दी जा सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि सरकार का सहारा मदद करेगा लेकिन सिर्फ पैसा ही Intel की समस्याएं नहीं सुलझा पाएगा। कंपनी को अभी भी Nvidia और AMD से कड़ी टक्कर मिल रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2024 में Intel को 18.8 अरब डॉलर का घाटा हुआ है।