Amazon ने अपने प्रोजेक्ट Kuiper के तहत अंतरिक्ष में 27 सैटेलाइट्स लॉन्च करके ग्लोबल इंटरनेट सर्विस की रेस में बड़ा कदम उठा लिया है।
Musk vs Bezos: Amazon ने अब इंटरनेट की दुनिया में नया कदम रखते हुए स्पेस से इंटरनेट देने की शुरुआत कर दी है, जिसका नाम Project Kuiper है। इसकी हेल्प से दुनिया के हर कोने तक हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट पहुंचाने का प्लान है। Amazon ने 28 अप्रैल को अपने 27 सैटेलाइट्स को Low-Earth Orbit (LEO) में भेज दिया। लॉन्च के लिए Atlas V रॉकेट का यूज हुआ और लॉन्च का काम United Launch Alliance (जो Boeing और Lockheed Martin का जॉइंट वेंचर है) ने किया। लॉन्चिंग अमेरिका के Cape Canaveral Space Force Station, Florida से हुई है।
क्या है Project Kuiper?
- ये एक 10 बिलियन का मेगा प्रोजेक्ट है।
- Amazon 3,236 सैटेलाइट्स भेजने की योजना बना रहा है।
- इसका मकसद है दुनियाभर में, खासकर रिमोट इलाकों में इंटरनेट पहुंचाना।
- इस लॉन्च के साथ Kuiper प्रोजेक्ट अपने ऑपरेशनल फेज में पहुंच गया है।
क्या Kuiper Project लेट हो गया है?
Kuiper को 2026 के मिड तक 1,618 सैटेलाइट्स लॉन्च करने हैं, लेकिन अब तक इसमें काफी देरी हो चुकी है। इस वजह से Amazon को शायद अमेरिका की टेलीकॉम रेगुलेटर FCC से डेडलाइन बढ़वाने की जरूरत पड़ सकती है। हालांकि, उम्मीद की जा रही है कि 2025 के आखिर तक Kuiper इंटरनेट सर्विस देना शुरू कर देगा।
क्या Amazon बहुत देर से आया?
ये सवाल अब वॉल स्ट्रीट में भी उठने लगा है। Elon Musk की Starlink पहले ही हजारों सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है और कई देशों में अपनी इंटरनेट सर्विस दे भी रहा है। ऐसे में Amazon थोड़ा पीछे जरूर है, लेकिन Jeff Bezos का मानना है कि इंटरनेट की डिमांड कभी खत्म नहीं होगी। जगह बहुत है Starlink भी चलेगा और Kuiper भी।
असली मुकाबला अब शुरू
अब यह सिर्फ स्पेस रेस नहीं रह गई, बल्कि बात हो रही है ग्लोबल इंटरनेट डोमिनेशन की। Kuiper के आने से यह लड़ाई और भी दिलचस्प हो गई है। अब मुकाबला सिर्फ टेक्नोलॉजी का नहीं, बल्कि दो दिग्गजों Musk vs Bezos का है।