Gmail कैसे बना दुनिया का सबसे बड़ा ई-मेल प्लेटफॉर्म

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Google
April 1, 2025

How Gmail became world largest email platform after 21 years

Gmail : Gmail 1 अप्रैल 2004 को लॉन्च हुआ था। उस समय इसे लेकर लोगों में काफी संदेह था और कई लोगों ने इसे April Fool का मजाक समझा क्योंकि उस समय Yahoo Mail, Rediffmail, और Hotmail जैसे प्लेटफॉर्म्स काफी फेमस थे, लेकिन Google का Gmail इतना अलग और खास था कि धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फैल गया।

लोगों ने समझा था April Fool

जब Gmail लॉन्च हुआ था, तो इसके बारे में कुछ ही लोगों को जानकारी थी और इसकी शुरुआत भी कुछ खास नहीं थी। इसके लॉन्च के कुछ ही दिनों बाद लोगों ने इसे सिर्फ एक मजाक समझा और Google से संपर्क किया। हालांकि, Google ने इसे एक सीक्रेट प्रोजेक्ट के तौर पर डेवलप किया था और उस समय कंपनी के पास सिर्फ 23 कर्मचारी थे।

हालांकि, Gmail को शुरुआत में सिर्फ कुछ सीमित लोगों के लिए लॉन्च किया गया था, क्योंकि Google के पास इतनी कम्प्यूटिंग क्षमता नहीं थी कि वह लाखों यूजर्स को हैंडल कर सके, लेकिन कुछ ही समय में इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि आज यह दुनिया का सबसे ज्यादा यूज होने वाला ई-मेल प्लेटफॉर्म बन गया है।

ये है फेमस होने की वजह

Gmail के सक्सेस की कई वजहें हैं, जिनके कारण यह इतनी जल्दी फेमस हुआ। सबसे पहले जब Gmail लॉन्च हुआ था तो यूजर्स को 1GB की स्टोरेज मिली थी, जो उस समय बाकी ई-मेल सर्विसेज जैसे Yahoo और Hotmail से कहीं ज्यादा थी, जिनमें महज 30 से 60 ई-मेल ही स्टोर किए जा सकते थे। यानी कि यूजर्स को अपनी ई-मेल्स को स्टोर करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती थी और वो बिना किसी चिंता के बड़ी संख्या में ई-मेल्स को सेव कर सकते थे।

Gmail में एक साथ कई लोगों को ई मेल भेजने की सुविधा

इसके अलावा, Google की सर्च टेक्नोलॉजी को Gmail में इंटीग्रेट किया गया था, जिससे यूजर्स आसानी से किसी भी ई-मेल, फोटो या दूसरे डेटा को सर्च कर सकते थे। इस फीचर ने Gmail को और भी यूजफूल बना दिया था। एक और बड़ा फायदा यह था कि Gmail में एक साथ कई लोगों को ई-मेल भेजने की सुविधा थी, जो उस समय दूसरे ई-मेल सर्विसेज में नहीं थी। इससे कामकाजी लोग और बड़े ग्रुप्स के लिए यह सर्विस काफी सुविधाजनक हो गई।

फिर, जब Android फोन आए, तो Google ने Gmail को स्मार्टफोन का डिफॉल्ट ई-मेल ऐप बना दिया। इससे Gmail सीधे लोगों के फोन में पहुंच गया और इसकी पॉपुलैरिटी और बढ़ गई। इस तरह Gmail ने धीरे-धीरे अपने यूजर्स के बीच अपनी जगह बना ली और आज यह दुनिया का सबसे पॉपुलर ई-मेल प्लेटफॉर्म बन चुका है।

250 डॉलर में बिका एक Gmail अकाउंट

Gmail की पॉपुलैरिटी शुरुआत से ही काफी तेजी से बढ़ी थी, जिसका दिलचस्प उदाहरण 2004 में देखा गया था। उस समय, Google के पास बहुत कम रिसोर्सेज थे और सिर्फ 300 पुराने कंप्यूटरों पर काम कर रहे थे। इन कंप्यूटरों की क्षमता केवल 10,000 यूजर्स को सपोर्ट करने की थी, लेकिन जैसे-जैसे लोग Gmail की तरफ एक्साइटेड हुए वह इसे पाने के लिए eBay पर 250 डॉलर तक की कीमत देने को तैयार हो गए थे।

Google ने Gmail को दुनिया भर में लॉन्च किया

Google ने धीरे-धीरे अपने डेटा सेंटर को डेवलप किया, जिससे और भी अधिक लोग नया Gmail अकाउंट बना सके। 2007 में Google ने Gmail को दुनिया भर में लॉन्च किया और इसके बाद यह प्लेटफॉर्म और भी फेमस हो गया। इसी दौरान, Google ने एक मजेदार ‘Gmail Paper’ सर्विस की घोषणा की थी, जिसमें लोग अपने ई-मेल्स को पेपर पर प्रिंट कर सकेंगे। हालांकि, यह एक अप्रैल फूल का मजाक था, क्योंकि ऐसी कोई सर्विस कभी लॉन्च नहीं हुई।

Gmail के शुरुआती दिनों में ही इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि लोग इसे पाने के लिए कितना उत्सुक थे और धीरे-धीरे यह दुनिया के सबसे बड़े ई-मेल प्लेटफॉर्म में बदल गया।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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