GST स्लैब में बड़ा सुधार: आवश्यक वस्तुओं पर 5%, अन्य पर 18% और लक्ज़री आइटम्स पर 40% टैक्स लागू, निवेशकों को मिलेगा नया अवसर।
GST rate cut India 2025: 22 सितंबर से लागू हुए माल और सेवा कर (GST) में कटौती ने भारत में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) के वापस आने का रास्ता साफ कर दिया है, ऐसा विशेषज्ञों का मानना है। हालांकि, वे अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ, बाजार का मूल्यांकन और घरेलू कंपनियों की धीमी कमाई पर भी ध्यान रखेंगे, ताकि निवेश करने में सतर्क रहें।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस हफ्ते हुई GST में यह बदलाव 2017 के बाद का सबसे बड़ा सुधार है। इसके तहत टैक्स स्लैब को चार से घटाकर दो कर दिया गया है—जरूरी वस्तुओं पर 5% और अन्य वस्तुओं पर 18% टैक्स, जबकि लक्ज़री और गंदे (sin) आइटम्स पर 40% नया टैक्स लगाया गया है। इस बदलाव से उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स में समग्र कमी आई है और बाजार में निवेश का माहौल अनुकूल हुआ है।
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पिछले वर्ष भारतीय शेयर बाजार की कमजोरी का मुख्य कारण घरेलू मांग में कमी और कंपनियों की निरंतर कम कमाई रही। लगातार पांच तिमाहियों तक आय केवल एक अंकों में बढ़ी है। HSBC के विश्लेषकों के अनुसार, GST नीतियों के लागू होने के बाद आर्थिक वृद्धि वित्तीय वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही (Q3-FY26) से तेज़ होने की उम्मीद है।
HSBC के एशिया पैसिफिक हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रेटजी, हेराल्ड वैन डेर लिंडे, ने अपने सह-लेखकों योगेश अग्रवाल और प्रेर्णा गर्ग के साथ लिखा कि “कंसेंसस के अनुसार 2026 में EPS में 14% की सालाना वृद्धि होने की उम्मीद है। हमारी राय में, इन नीतियों के कारण कमाई में कटौती का खतरा कम हुआ है और विदेशी निवेशकों के भारत लौटने का रास्ता तैयार हुआ है।”
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इस प्रकार, GST में हालिया बदलाव न केवल उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आए हैं, बल्कि भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों का विश्वास भी बहाल कर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम विदेशी निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है और आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था की गति को बढ़ावा देगा।