Meta ने अपनी कंटेंट मॉडरेशन पॉलिसी में बड़े बदलाव की घोषणा की है। अब कंपनी अपने फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम को बंद करके उसकी जगह कम्युनिटी नोट्स लाने जा रही है।
Meta: Meta ने बड़ा खुलासा करते हुए अपनी कंटेंट मॉडरेशन पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। कंपनी ने बताया कि वह अमेरिका में थर्ड-पार्टी फैक्ट चेकिंग को बंद कर रही है। Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि हम फैक्ट-चेकर्स से पीछा छुड़ाने जा रहे हैं और उनकी जगह एक्स जैसे कम्युनिटी नोट्स लाने जा रहे हैं। इसकी शुरुआत अमेरिका से होगी।
किसे कहते हैं कम्युनिटी नोट्स
Facebook अभी तक थर्ड-पार्टी प्रोग्राम के जरिए फैक्ट चेकिंग करता था। जुकरबर्ग के इस ऐलान के बाद यह प्रोग्राम बंद हो जाएगा और इसकी जगह कम्युनिटी नोट्स ले लेंगे। यह फीचर फिलहाल एक्स पर उपलब्ध है। इसमें यूजर खुद ही किसी गलत जानकारी की फैक्ट चेकिंग कर लेते हैं। इसके बाद अगर कोई गलत जानकारी वाली पोस्ट करता है तो उसके नीचे उसका खंडन और पूरा संदर्भ दिखाई देता है।
कंपनी क्यों बंद कर रही फैक्ट-चैक यूनिट
जुकरबर्ग ने कहा है कि फैक्ट-चेकर्स बहुत राजनीतिक रूप से पक्षपाती रहे हैं। खासकर, अमेरिका में और उन्होंने विश्वास हासिल करने के बजाय खो दिया है। अपनी घोषणा में जुकरबर्ग ने फैक्ट-चेकिंग कार्यक्रमों के बारे में कई शिकायतों के बारे में बात की, जिनके बारे में रिपब्लिकन और एक्स के मालिक एलन मस्क कई बार खुलकर बोल चुके हैं। वह उन्हें सेंसरशिप के रूप में देखते हैं।
कंटेट पॉलिसी को आसान बनाएगी Meta
जुकरबर्ग ने यह भी कहा कि Facebook और Instagram अपनी सामग्री नीतियों को आसान बनाएंगे। इमिग्रेशन और जेंडर जैसे मुद्दों पर प्रतिबंध हटाएंगे।
ट्रंप के साथ सुलाह करने की कोशिश कर रहें जुकरबर्ग
Meta के इन फैसलों को ट्रंप के साथ सुलह की जुकरबर्ग की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, ट्रंप लंबे समय से Meta के मुखर आलोचक रहे हैं और उन्होंने कंपनी पर सपोर्टिंग पॉलिसी का समर्थन करने और रूढ़िवादियों के खिलाफ पक्षपात करने का आरोप लगाया है। ऐसे में जुकरबर्ग ने हाल ही में ट्रंप के उद्घाटन फंड में दान दिया है। इसके अलावा, उन्होंने ट्रंप के सहयोगियों को भी कंपनी में जगह दी है