Air India Plane Crash: क्या है ‘Black Box’ टेक्नोलॉजी, कैसे खोलता है प्लेन हादसे का राज

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June 13, 2025

अहमदाबाद में हुए दर्दनाक एयर इंडिया हादसे में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड ने क्रैश साइट से ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है। क्या है ये तकनीक। 

Air India Plane Crash: अहमदाबाद में हुए दर्दनाक Air India हादसे ने पूरे देश को हिला दिया है। इस दुर्घटना में 265 लोगों की जान चली गई, जिनमें 12 क्रू मेंबर भी शामिल थे। इस मामले में NSG टीम ने क्रैश साइट से Black Box बरामद कर लिया है। ऐसे में लोगों में मन में ये सवाल उठ रहें हैं कि आखिर Black Box क्या होता है, और यह कैसे किसी विमान हादसे की सच्चाई सामने लाता है 

Black Box नाम का, पर रंग नारंगी क्यों

सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि Black Box का रंग काला नहीं, नारंगी होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि किसी भी हादसे के बाद मलबे में यह साफ नजर आ सके। यह डिवाइस बहुत मजबूत मटेरियल से बना होता है,ताकि किसी भी बड़े हादसे में भी इसके डेटा को नुकसान न पहुंचे। 

दो हिस्सों में बंटा होता है Black Box 

  • CVR (Cockpit Voice Recorder): यह हिस्सा कॉकपिट के अंदर पायलट और सह-पायलट की बातचीत, अलार्म की आवाजें और बाकी साउंड्स को रिकॉर्ड करता है। इससे यह पता चलता है कि क्रैश से पहले पायलट क्या सोच रहे थे, किससे बात कर रहे थे और कोई चेतावनी तो नहीं आई। 
  • FDR (Flight Data Recorder): यह टेक्नोलॉजी डेटा रिकॉर्ड करता है, जैसे कि प्लेन कितनी ऊंचाई पर उड़ रहा था, उसकी स्पीड कितनी थी, किस सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया था आदि। 

हादसे के बाद Black Box कैसे करता है मदद

अगर प्लेन किसी दुर्घटना में जलकर राख हो जाए या पानी में गिर जाए, तब भी Black Box 30 दिनों तक एक सिग्नल भेजता रहता है, जिससे जांच एजेंसियां इसे ढूंढ सकती हैं। एक बार Black Box मिल जाए, तो एक्सपर्ट खास कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से इसके अंदर रिकॉर्डेड डेटा को डिकोड करते हैं। 

पायलट की बातचीत, अलार्म की आवाज, टेक्नोलॉजी खराबी, मौसम की स्थिति इसमें ये सभी बातें रिकॉर्ड होती हैं, जिन्हें देखकर जांच एजेंसियां यह पता लगाती है कि हादसा तकनीकी गलती से हुआ, मौसम खराबी के कारण या इंसानी भूल से। 

क्यों जरूरी है Black Box

ब्लैक बॉक्स न सिर्फ हादसे का कारण बताता है, बल्कि फ्यूचर में ऐसी घटनाओं से बचने में मदद भी करता है। बहुत बार इस डेटा के आधार पर प्लेन कंपनियों को अपनी तकनीक या सुरक्षा स्टेंडर्ड में बदलाव करने पड़ते हैं। जिससे भविष्य में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। 

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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