इस फेमस Youtuber को 40 घंटों तक रखा डिजिटल अरेस्ट

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Digital Arrest
January 6, 2025

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अंकुश बहुगुणा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो में शेयर कर बताया कि कैसे उन्हें ठगों ने 40 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया। इससे वह काफी तनाव में आ हैं।

Youtuber Ankush Bahuguna: फेमस सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अंकुश बहुगुणा ने हाल ही में अपने डरावने अनुभव का खुलासा किया है। अंकुश ने बताया कि कैसे उन्हें ठगों ने 40 घंटे तक बंधक बनाकर रखा था। इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर कर उन्होंने बताया कि वह कैसे डिजिटल अरेस्ट में रहें। इस दौरान वह अपने किसी भी दोस्त और परिवार से संपर्क नहीं कर पांए, जिससे उन्हें काफी मानसिक तनाव भी झेलना पड़ा। इस दौरान उन्होंने न केवल अपने पैसे गंवाए बल्कि वह काफी टूट भी गए थे।

अंकुश ने बताई वह कैसे फंसे

अंकुश ने बताया कि उनके पास एक इंटरनेशनल नंबर से कॉल आया था। यह कॉल ऑटोमेटेड थी, जिसमें उन्हें कहा गया कि उनका एक कूरियर कैंसल हो गया है। इसके बाद उन्हें अन्य कॉल से कनेक्ट किया गया, जहां कॉलर ने बताया कि कस्टम विभाग ने उनके कूरियर को अवैध सामान के कारण जब्त कर लिया है। कॉलर की यह बात सुनकर अंकुश घबरा गया, जिसका फायदा ठगों ने उठाते हुए उनसे उनका आधार कार्ड और अन्य प्राइवेट इन्फॉर्मेशन ले ली और उन्हें डिजिटली गिरफ्तार कर लिया।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों से मैं सोशल मीडिया और हर जगह से गायब था क्योंकि मैं डिजिटल अरेस्ट था। इस हादसे से मैं अभी भी सदमे में हूं। उन्होंने कहा कि मैंने अपना पैसा खो दिया है, मैं अपना मानसिक संतुलन खो चुका हूं, मुझे यकीन नहीं हो रहा कि मेरे साथ ऐसा हुआ।

दोस्त ने बचाई जान

अंकुश ने आगे बताया कि ठगों ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। बदमाशों ने उनसे कहा कि उसे थाने जाने का भी समय नहीं मिलेगा। एक वर्दीधारी व्यक्ति से WhatsApp कॉल करवाया गया, जिसके बाद उन्हें 40 घंटे तक बाहरी दुनिया से दूर रखकर लगातार वीडियो कॉल पर रखा गया। इस दौरान ठगों ने उन पर पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया, लेकिन बैंक बंद होने की वजह से पैसे ट्रांसफर नहीं हो पा रहे थे। वहीं उन्हें एक होटल में रुकने को कहा गया। उसी दौरान एक दोस्त के मैसेज ने उन्हें अलर्ट कर दिया, जिसके बाद उन्होंने होटल से भागकर खुद को बचाया।

कैसे होता है डिजिटल अरेस्ट

डिजिटल अरेस्ट में जालसाज फर्जी पुलिस या जांच अधिकारी बनकर फोन करते हैं। इस दौरान बदमाश मासूम लोगों को गिरफ्तारी की धमकी देकर व्यक्ति को घर में कैद कर लेते हैं और उसे 24 घंटे कैमरे के सामने रहने के लिए मजबूर करते हैं। वहीं, पीड़ित को किसी से संपर्क करने से रोका जाता है और उसकी ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखी जाती है। लास्ट में पीड़ित को डरा-धमकाकर उनसे पैसे ऐंठ लिए जाते हैं। अंकुश ने लोगों को ऐसे जालसाजों से सावधान रहने की सलाह दी।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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