Red Fort Blast: सोमवार रात नई दिल्ली के लाल किला के पास एक बड़ा कार बम धमाका हुआ था जिसमें 13 लोगों की जान चली गई। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने जांच का आदेश दिया है। जांच में कई अहम बातें सामने आई हैं। इनमें संदिग्ध अपराधियों की पहचान, उनकी योजना और उन्होंने कैसे अपनी बातचीत छुपाई जैसी चीजें शामिल हैं।
रेड फोर्ट धमाके के बाद जांच में खुलासा: अपराधियों ने Session और Telegram ऐप्स का इस्तेमाल किया, पहचान करना एजेंसियों के लिए मुश्किल।
संदिग्धों ने इस्तेमाल किया Session ऐप
जांच में पता चला है कि अपराधियों ने आपस में बातचीत करने के लिए Session नामक प्राइवेट चैट ऐप का इस्तेमाल किया है। एजेंसियों के अनुसार, इस ऐप पर मैसेज को ट्रेस करना या यूजर्स की पहचान करना बहुत मुश्किल है।
Session ऐप क्या है?
Session एक End-to-end encrypted मैसेजिंग ऐप है। इसमें मैसेज को कंपनी, हैकर्स या कोई बाहरी व्यक्ति भी नहीं पढ़ सकता है। यह ऐप Telegram जैसा है लेकिन इसमें एक बड़ा फर्क है। Session ऐप फोन नंबर या ईमेल नहीं मांगता, बल्कि यूजर्स को Account ID दी जाती है। यानी कि इसमें कोई व्यक्तिगत जानकारी स्टोर नहीं होती। अगर कोई सिस्टम में देखे तो वहां कुछ नहीं मिलेगा।
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यह ऐप डिसेंट्रलाइज्ड तकनीक पर काम करता है। इसे कोई एक कंपनी या सर्वर नहीं चलाता। दुनिया भर के हजारों नोड्स इसे चलाते हैं। ये नोड्स ग्लोबल प्राइवेसी एक्सपर्ट्स द्वारा संचालित होते हैं। कोई भी इसकी कोडिंग देख सकता है या इसमें सुधार कर सकता है। Session पूरी तरह प्राइवेसी पर ध्यान देता है और यूजर्स डेटा को ट्रैक, स्टोर या बेचता नहीं है।
Telegram ग्रुप्स भी जुड़े
जांच में सामने आया है कि आरोपी डॉ. मुजम्मिल और डॉ. उमर ने बताया कि Session ऐप का इस्तेमाल हैंडलर्स के साथ बातचीत के लिए किया गया। इनके हाइब्रिड डॉक्टर मॉड्यूल दो Telegram ग्रुप्स Umar Bin Khattab और Farzand Darul Uloom में एक्टिव थे।
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रिपोर्ट के अनुसार, ये दोनों ग्रुप सीधे जैश-ए-मोहम्मद के प्रचार नेटवर्क से जुड़े थे। इन ग्रुप्स में पुराने भाषण और JeM के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर की रचनाएं साझा की जाती थीं।
