भारत तेजी से सैटेलाइट इंटरनेट सेवा के करीब पहुंच रहा है। एक कंपनी ने सैटेलाइट के जरिए 5G कनेक्टिविटी का सफल परीक्षण किया है।
Satellite Internet: भारत जल्द ही अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की प्लानिंग कर रहा है। इस सर्विस के लॉन्च से पहले ही एक कंपनी ने सैटेलाइट के जरिए 5G कनेक्टिविटी का सक्सेस टेस्ट किया है। Eutelsat Group ने यह टेस्ट किया है, जिसने दुनिया की पहली 5G नॉन-टेरेस्ट्रियल नेटवर्क टोक्नोलॉजी का सक्सेस टेस्ट करके एक इम्पोर्टेंट उपलब्धि हासिल की है। इस टेस्ट में Eutelsat OneWeb के लो-अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट का यूज किया गया, जिसने 5G NTN स्टैंडर्ड इस्टेब्लिश करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
हाई स्पीड इंटरनेट मिलेगा
इस नई टेक्नोलॉजी से सैटेलाइट और ग्राउंड नेटवर्क के बीच इंटर ऑपरेबिलिटी इंप्रूव होगी, जिससे एक्सेस की लागत कम होगी और 5G टेक्नोलॉजी वाले डिवाइस को सैटेलाइट ब्रॉडबैंड से जोड़ा जा सकेगा। इससे न केवल दूर-दराज के इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट मिलेगा, बल्कि सैटेलाइट और स्थलीय नेटवर्क के बीच सुचारू रूप से काम करने वाला एक नया इकोसिस्टम भी विकसित होगा।
टेस्ट में MediaTek के NR NTN टेस्ट चिपसेट द्वारा संचालित Eutelsat OneWeb उपग्रहों का उपयोग किया गया। इसके अलावा, ITRI द्वारा प्रदान किए गए NR NTN टेस्ट gNB का भी यूज किया गया, जो 3GPP रिलीज 17 मानकों के अनुसार संचालित होता है। इस टेस्ट में उपयोग किए गए एंटेना और टेस्ट उपकरण शार्प और रोडे एंड श्वार्ज द्वारा प्रदान किए गए थे।
Airbus द्वारा निर्मित LEO उपग्रहों का उपयोग किया गया, जो Ku-बैंड सेवा लिंक और Ka-बैंड फीडर लिंक के साथ ट्रांसपोंडर ले जा रहे थे। टेस्ट में ‘अर्थ-मूविंग बीम’ अवधारणा का उपयोग किया गया, जिसने सुनिश्चित किया कि उपग्रह 5G नेटवर्क से कुशलतापूर्वक जुड़ सकते हैं।
कोने-कोने में मिलेगा इंटरनेट
इस परीक्षण के दौरान Eutelsat ने साफ किया है कि 5G उपयोगकर्ता टर्मिनल सैटेलाइट लिंक के माध्यम से 5G कोर नेटवर्क से सफलतापूर्वक जुड़ने और प्रभावी ढंग से डेटा का आदान-प्रदान करने में कैपेबल था। यह परीक्षण इस बात का प्रमाण है कि भविष्य में सैटेलाइट के माध्यम से हाई-स्पीड 5G इंटरनेट दुनिया में कहीं भी उपलब्ध कराया जा सकता है, भले ही कोई ग्राउंड टावर न हो।